सिद्धपीठ महिषमर्दिनी में आज निकलेगी कलश यात्रा

रुद्रप्रयाग। केदारघाटी के खड़िया गांव में चल रहे 11 दिवसीय सिद्धपीठ महिषमर्दिनी सीता अयुत्त महायज्ञ में आठवें दिन भी वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आहुतियां डाली गई। इस दौरान क्षेत्रीय ग्रामीण यज्ञ में पहुंचकर पुण्य अर्जित कर रहे है। सात फरवरी सोमवार को भव्य जल कलश यात्रा का आयोजन किया जाएगा। खडिया गांव के सेरा नामक तोक में अस्सी वर्ष बाद क्षेत्र की खुशहाली की कामना के लिए चल रहे सिद्धपीठ महिषमर्दिनी सीता अयुत्त महायज्ञ में आठवें दिन मुख्य आचार्य रामकृष्ण जमलोकी के नेतृत्व में ब्राह्मणों ने सिद्धपीठ मां महिषमर्दनी एवं नान्तोली देवी की भोगमूर्ति समेत अन्य देवी देवताओं की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की गई। जिसके बाद गणेश पूजा, पंच पूजा, भद्र पूजा समेत नित्य पूजाएं करने के बाद यज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जौ, तिल व घी की आहतियां डालने की प्रक्रिया शुरू हुई। महायज्ञ में प्रतिदिन एक हजार आहुतियां तथा कुल 11 हजार आहुतियां डाली जाएंगी। इस धार्मिक कार्य में कुल 21 ब्राह्मण पूजा अर्चना एवं यज्ञ को संपन्न करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। न्याय पंचायत फाटा के व्यूंग, कोरखी, सेम कुराला, मैखंडा, धानी, खडिया, खाट, जामू, बडासू, शेरसी, रामपुर, न्यालसू, त्रियुगीनारायण, तोषी, गौरीकुंड से एक-एक प्रतिननिधि भी पहुंच रहे है। 7 फरवरी को जल कलश यात्रा एवं सकलीकरण, 8 फरवरी को पूर्णाहुति, 9 फरवरी को भंडारे के साथ समापन किया जाएगा। आयोजक समिति के अध्यक्ष विजय सिंह शाह ने बताया कि केदारघाटी क्षेत्र की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए लगभग अस्सी वर्ष बाद अयुत्त यज्ञ का आयोजित किया जा रहा है। महायज्ञ में प्रतिदिन ब्राह्मणों द्वारा महिषमर्दनी, नानतोली देवी की पूजा अर्चना के साथ यज्ञ में आहुतियां डाली जाएंगी। इस अवसर पर आचार्य श्रीकृष्ण जमलोकी, नितिन जमलोकी, कुंवर सिंह, रघुवीर सिंह, गबर सिंह, सूरज सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे।

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