शिक्षिका के प्रमाण पत्रों पर सवाल उठाए

रुड़की।  नगर के एक सहायता प्राप्त विद्यालय में सेवारत शिक्षिका के प्रमाण पत्रों की शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पिछले 34 वर्षों से संदिग्ध प्रमाण पत्रों पर शिक्षिका नौकरी कर रही है। विद्यालय प्रबंधन सहित अन्य लोगों पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए गए हैं। गांव लाठरदेवा हुण निवासी श्रीकांत ने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि नगर स्थित एक शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय में पिछले 34 वर्षों से एक शिक्षिका संदिग्ध प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रही है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस संबंध में जब उसको जानकारी मिली तो उसकी ओर से विद्यालय प्रबंधन से जानकारी मांगी। प्रबंधन ने उसको किसी भी प्रकार की जानकारी देने से इंकार कर दिया। बाद में उसके द्वारा अपने स्तर से जानकारी जुटाई गई। जिसमें से पता चला कि शिक्षिका द्वारा जो प्रमाण पत्र सेवा में आने के लिए प्रस्तुत किए गए थे वह संदिग्ध हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि शिक्षिका वर्ष 1986 से सेवाएं दे रही है। बताया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शिक्षिका की बीएड अंकतालिका की सत्यापित कॉपी नहीं दी गई। उप शिक्षा अधिकारी बृजपाल सिंह राठौर का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।


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