शिक्षकों ने टीएलएम माध्यम से शिक्षण पर दिया जोर

विकासनगर(आरएनएस)। नए शिक्षा सत्र की शुरुआत पर कालसी में आयोजित शिक्षक चौपाल में अध्यापकों ने शिक्षा के स्तर में सुधार पर मंथन किया। शिक्षकों ने शिक्षण के विभिन्न माध्यमों पर भी चर्चा की। इस दौरान टीएलएम को शिक्षण का सर्वोत्तम माध्यम करार दिया गया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से आयोजित चौपाल में शिक्षकों को संबोधित करते हुए डायट के प्राचार्य राकेश जुगरान ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति देश के विकास में सर्वोत्तम योगदान दे सकता है। शिक्षा से न केवल ज्ञान, कौशल और अनुभव प्राप्त होते हैं, बल्कि यह मनुष्य के समग्र विकास में भी मदद करती है। शिक्षित व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और धार्मिक ज्ञान को प्राप्त कर अपने और दूसरों के जीवन को सुधार सकता है। शिक्षक डॉ. कृष्णानंद राजपूत ने कहा कि शिक्षा के लिए टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) एक महत्वपूर्ण माध्यम है। टीएलएम के माध्यम से शिक्षक छात्रों को अच्छे तरीके से समझाने में मदद कर सकते हैं और उन्हें विभिन्न विषयों के अध्ययन के लिए सहायक सामग्री प्रदान कर सकते हैं। इस प्रकार की सामग्रियों को छात्रों को दिखाकर शिक्षा प्रदान की जाती है। इसमें प्रकरण से संबंधित वस्तुओं को छात्रों के सम्मुख रख शिक्षण प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है। इसकी सहायता से शिक्षण को रुचिकर बनाने का प्रयास किया जाता हैं। इन सामग्रियों के तहत ग्लोब, चार्ट, श्यामपट्ट, मानचित्र, मॉडल, फ्लेनल बोर्ड, बुलेटिन बोर्ड, पावर प्वाइंट का उपयोग किया जा सकता है। इस दौरान बीईओ भुवनेश्वर प्रसाद, प्रधानाचार्य सचिन असवाल, पूनम, कपिल उनियाल, राजेंद्र शाह आदि मौजूद रहे।

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