घर तो आए, लेकिन तिरंगे में लिपटकर

सैन्य सम्मान के साथ दी शहीद जगेन्द्र सिंह चौहान को अंतिम विदाई

देहरादून।  सेना के जांबाज जवान शहीद जगेंद्र सिंह चौहान की अब सिर्फ यादें शेष हैं।  सियाचिन ग्लेशियर में लैंड स्लाइडिंग होने के चलते हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान शहीद हो गए थे। आज शहीद का पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके घर लाया गया। सियाचिन में शहीद हुए भानियावाला निवासी हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान भानियावाला लाया गया। जहाँ सैकड़ों लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। कुछ देर घर पर पार्थिव शरीर रखने के बाद सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जगेंद्र सिंह चौहान सियाचिन में बीते 21 फरवरी को ग्लेशियर में भूस्खलन होने से उसकी चपेट में आने से शहीद हो गए थे। शहीद जगेन्द्र सिंह चौहान के परिजन पिछले दो दिनों से पार्थिव शरीर घर पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। क्षेत्रवासियों के अनुसार जगेन्द्र सिह चौहान को 25 फरवरी को छुट्टी पर घर आना था इससे पूर्व ही वह हादसे में शहीद हो गये और मौसम की खराबी की वजह से उनका पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंच सका था। बृहस्पतिवार को सेना के अधिकारियों ने सूचना दी कि उनका पार्थिव शरीर 25 फरवरी को सुबह आठ बजे पहुंच जायेगा। आज शहीद के पार्थिव शरीर को उनके आवास से पूरे सम्मान के साथ भानियावाला बाजार होते हुए भानियावाला तिराहा ले जाया गया। तिराहे से सेना के ट्रक द्वारा पार्थिव हरिद्वार ले जाया गया। शहीद के सम्मान में बाजार पूरी तरह बंद रहा। भानियावाला में कई स्कूली बच्चों ने शहीद के सम्मान में देशभक्ति के नारे लगाए। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, गणेश गोदियाल, भाजपा नेता बृज भूषण गैरोला, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी संपूर्ण सिंह रावत, गौरव चौधरी, मनोज नोटियाल, नरेन्द्र नेगी, विजेंद्र सिंह, मंडल अध्यक्ष विनय कंडवाल, नरेंद्र नेगी हिमांशु राणा ईश्वर रौथान, मनीष यादव, प्रेम पुंडीर, सरोज भंडारी, मोहन सिंह चौहान, सुखदेव चौहान, प्रदीप नेगी, पुरुषोत्तम डोभाल सहित क्षेत्रीय जनता ने नम आंखों से उनको अंतिम बिदाई दी। उनकी शहादत की खबर से उत्तराखंड शोक में डूबा है।


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