
इंदौर (आरएनएस)। इंदौर और आसपास पाए जाने वाले सफेद गिद्धों को गुजरात के रास्ते दुर्ब तक तस्करी कर भेजा जा रहा है। इनका यूज सेक्स पॉवर बढ़ाने वाली दवाओं में होता है। खाड़ी देशों में इन गिद्धों की डिमांड ज्यादा है। अरब देशों में लोग इन्हें पालते हैं। गिद्धों से जुड़ी स्पोटर््स एक्टिविटीज भी वहां होती हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा तस्करों से पूछताछ में हुआ है। खंडवा रेलवे स्टेशन पर 19 जनवरी को फरीद शेख को सात गिद्धों के साथ पकड़ा था। उन्नाव (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला फरीद स्टेट टाइगर टास्क फोर्स (एसटीएसएफ) की हिरासत में है। पूछताछ में उसने गुजरात के रहने वाले तीन और तस्करों के नाम बताए। फरीद की निशानदेही और नेशनल जांच एजेंसियों के इनपुट के बाद एसटीएसएफ ने गुजरात के जामनगर स्थित सिक्का बंदरगाह से तीनों आरोपियों को भी हिरासत में लिया है। एसटीएसएफ के इंदौर रेंजर धर्मवीर सिंह सोलंकी की टीम आरोपी हुसैन, मोम्मद और गुजरात के जामनगर स्थित सिक्का बंदरगाह पर काम करते हंै। तीनों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया था। यहां से उनका दो दिनों की रिमांड मिली है। आरोपी मीट के बीच गिद्धों को छिपाकर बंदरगाह तक भेज देते थे। यहां से दलाल इनकी डिलीवरी लेकर आगे भेज देते थे। इन गिद्धों को समुद्र के रास्ते खाड़ी के देशों में भेज दिया जाता है। एसटीएसएफ इस नेटवर्क को भी खंगालने में लगा है। तस्कर फरीद के पकड़े जाने से पहले बड़े पैमाने पर समुद्र के रास्ते गिद्धों की तस्करी का इनपुट एजेंसियों को मिल रहा था। गुजरात से पकड़े गए तीनों तस्करों के बारे में नेशनल एजेंसियों से ही इनपुट मिला था। गिद्ध सेक्स पावर बढ़ाने की दवाएं बनाने के काम आते हैं। खाड़ी देशों में इन दवाओं की अधिक मांग होने के चलते वहां तस्करी की जाती है। दुबई और खाड़ी देशों में गिद्धों को पालने का शौक है। भारत में गिद्धों का उपयेाग जादू-टोने में किया जाता है। इंदौर में गिद्धों की संख्या के सर्वे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पांच साल पहले गिद्धों के एकमात्र स्थान देवगुराडिय़ा पहाड़ी पर इनकी संख्या 83 थी, जो अब घटकर केवल 12 ही रह गई है। मध्यप्रदेश में गिद्धों की सात प्रजाति पाई जाती है। सफेद गिद्ध की डिमांड मार्केट में ज्यादा है। इसलिए इनकी संख्या लगातार कम हो रही है।