सेना में भर्ती हेतु कोविड टेस्ट को आए युवाओं ने सड़क पर दिया धरना
बागेश्वर। सेना में भर्ती के लिए कोविड जांच कराने आए युवाओं ने जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं के विरोध में नारेबाजी की और सडक़ पर धरने पर बैठ गए। इससे जिला अस्पताल सडक़ पर कुछ समय के लिए जमा लग गया। तहसील प्रशासन के बीचबचाव में आने के बाद मामला शांत हो सका। युवा जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर आक्रोशित हो गए। रानीखेत में आयोजित कुमाऊं रेजीमेंट की भर्ती के लिए युवाओं मे गजब का जज्बा दिख रहा है। पिछले एक सप्ताह से वह लगातार तैयारियां में लगे हुए हैं। उन्हें सेना में भर्ती के लिए कोविड टेस्ट कराना है। 27 फरवरी को भर्ती आयोजित होनी वाली है। जिला अस्पताल में कोविड टेस्ट के लिए लंबी कतार लग रही है। गुरुवार को 24 फरवरी को जांच कराने वाले भी रिपोर्ट लेने पहुंच गए। इससे जिला अस्पताल में काफी भीड़ उमड़ गई। एक हजार से अधिक युवा एक साथ पहुंचने पर जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं बिगड़ गईं। युवाओं ने कहा कि उन्हें कोविड टेस्ट के लिए पहले लाइन लगानी पड़ी। 25 फरवरी को उन्हें रिपोर्ट लेने के लिए बुलाया गया था, लेकिन रिपोर्ट नहीं मिल रही है। गुस्साए युवाओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को पहले से यहां व्यवस्थाएं सुदृढ़ करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि वह सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करना चाहते हैं। यदि उन्हें कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट समय से नहीं मिली तो उनके सपने अधूरे रह जाएंगे। इस दौरान कमल सिंह, पवन सिंह, मनोज सिंह, सुंदर सिंह, पूरन सिंह, विमल कुमार, चंदन, हिमांशु, करन, विशाल आदि युवाओं ने कहा कि अस्पताल सडक़ को वन-वे किया जा सकता था। कोविड टेस्ट के लिए पर्ची बनाने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की गई है और अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती भी नहीं है।