संभल के उपजिलाधिकारी समेत 5 लोगों पर देहरादून में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

देहरादून। डालनवाला कोतवाली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के संभल के उपजिलाधिकारी समेत पांच लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। एसडीएम पर दून में तहसीलदार रहते हुए सर्कुलर रोड स्थित संपत्ति को कब्जाने की नियत से खुर्द-बुर्द करने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप है। डालनवाला कोतवाली निरीक्षक मणिभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि शरत सिंधवानी पुत्र स्व. धर्म सिंधवानी निवासी सर्कुलर रोड ने तहरीर दी। बताया कि पाकिस्तान बनने के बाद शरत के पूर्वजों ने वर्ष 1956 में दून शहर में घर खरीद कर मालिक से रजिस्ट्री करवाई थी लेकिन दाखिल-खरिज नहीं कराया।
उन्होंने शुरुआत से हाउस टैक्स दिया। इस संपत्ति और भूमि को राजस्व रिकार्ड में दर्ज कराने के लिए पूर्व में दून में तैनात तत्कालीन तहसीलदार राशिद अली खान (अब उत्तर प्रदेश के संभल के एसडीएम) से मुलाकात की थी। लेकिन उन्होंने इसे दर्ज करने से मना कर दिया। उत्तराखंड बनते ही भू-माफिया सक्रिय हो गए। आरोप लगाया कि वर्ष 2000 से 2004 में राशिद अली खान ने कुछ लोगों के साथ मिलकर फर्जी राजस्व से जुड़े दस्तावेज तैयार किए। साथ ही एक संभल निवासी जरीना बेगम के नाम पर बिकी हुई संपत्ति की वारिस बनाने की साजिश रची गई और कागजों के सहारे संपत्ति को बिल्डर को बेचने की प्रक्रिया की।
इस संबंध में तत्कालीन राज्यपाल मारग्रेट अल्वा से शिकायत कर सीबीआई जांच की मांग की थी। यह शिकायत एसआईटी भूमि कार्यालय में दी गई, लेकिर पुलिस ने इसे सिविल केस बताकर कार्रवाई नहीं की। आरोपी पक्ष ने मकान खाली कराने तक की धमकी दी। बताया कि इस मामले में जरीना बेगम पत्नी जमील खां निवासी मोहल्ला अमानखेल सरायतरीन संभल मुरादाबाद उत्तर प्रदेश, एसडीएम राशिद अली, सुधीर अत्री, गौरव कुमार और उदय नारायण तिवारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। इसकी शिकायत कुछ दिनों पहले पीडि़त पक्ष ने डीजीपी से की थी, जिस पर प्रारंभिक जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया।
यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से की थी शिकायत: पुलिस के अनुसार पीडि़त पक्ष ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। पीडि़त पक्ष ने लिखा कि उनका परिवार भू माफिया से पीडि़त है।