सादगी के साथ मनाई दूर्वाष्टमी
बागेश्वर। जिले में दूर्वाष्टमी इस बार सादगी के साथ मनाई गई। महिलाओं ने पूजा-अर्चना के साथ व्रत रखकर दूबड़ा धारण किया। गौरा-महेश की प्रतिमाओं की पूजा के बाद उन्हें विसर्जन किया गया। सप्तमी को महिलाओं ने व्रत कर डोर धारण किया। इसमें गौरा महेश्वर की बनाई गई मूर्तियों को समक्ष पूरे शृंगार करने के बाद सामूहिक तौर पर पूजा करती हैं। विशेष तौर बने पीले रंग के तागे(डोर) की प्रतिष्ठा कर हाथ में धारण करते हैं। यह अखंड सौभाग्य के लिए किया जाने वाली परंपरागत पूजा है। अष्टमी को दुब्ज्योड़ा धारण किया। यह लाल रंग से बना तागा होता है। उसे पूजा अर्चना के बाद इसे धारण किया जाएगा। इस दौरान घरों में विशेष पूजा की गई। महिलाओं ने गौरा-महेश और गंवारा के गीत गाए गए। नाकुरी तहसील के किड़ई गांव में ग्रामीणों ने हरज्यू मंदिर में पूजा अर्चना के बाद चाचरी का गायन किया। अन्य सालों में जहां यह पर्व धूमधा के साथ मनाया जाता था इस बार इसे सादगी के साथ मनाया गया। इस मौके पर ग्रामीण मौजूद रहे।