रोडवेज की बसों में चालकों को नहीं मिलता समय से आराम, हो सकती है बड़ी दुर्घटना

 देहरादून। चालक को बिना आराम दिए और निर्धारित किलोमीटर से अधिक बस संचालित कराने में निजी बस आपरेटर ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) भी शामिल है। रोडवेज की बसों में 300 किमी से अधिक दूरी वाले मार्गों पर एक बस में दो चालक भेजने का नियम है, लेकिन यहां एक ही चालक से 500 से 600 किमी रोजाना बस चलवाई जा रही है।
दरअसल, लंबी दूरी वाले मार्गों पर ज्यादातर बसों का संचालन विशेष श्रेणी व संविदा के चालक करते हैं, लिहाजा कमाई के चक्कर में ये चालक दोहरी ड्यूटी से इन्कार नहीं कर पाते। इन चालकों को प्रति किमी के हिसाब से भुगतान होता है, इसलिए ज्यादा मानदेय के चक्कर में वह बिना आराम किए ही बस दौड़ाते हैं। कई बस चालक तो नींद में होने के बावजूद बसों का संचालन करते हैं।
दो साल पूर्व ऐसे ही एक मामले में टनकपुर मार्ग के चालक की हरिद्वार में बस हादसे में मौत हो चुकी है। इस चालक से रोडवेज अधिकारियों ने बिना आराम दिए लगातार 1400 किमी बस संचालित कराई थी। अब रविवार को उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा पर आए मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं की बस के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण भी चालक का नींद में होना बताया जा रहा है। हालांकि, यह बस निजी थी, मगर सवाल पूरी व्यवस्था पर खड़ा हो गया है। चारधाम यात्रा में रोडवेज बसें भी लगाई गई हैं, ऐसे में कर्मचारी संगठनों ने चालकों को आराम देने का मामला उठाना शुरू कर दिया है।

एक माह में 10-10 हजार किमी
रोडवेज के विशेष श्रेणी और संविदा चालकों से एक माह में 10-10 हजार किमी तक बस संचालन कराया जा रहा है, जबकि नियम माह में ड्यूटी के 26 दिन में प्रतिदिन 300 किमी तक बस संचालन का ही है। रोडवेज के देहरादून ग्रामीण डिपो के रिकार्ड पर ही नजर डालें तो यहां तैनात तकरीबन 200 चालकों में से आधे चालकों ने मई में 10-10 हजार किमी बस संचालित की। मानक के तहत चालक को एक दिन में सिर्फ आठ घंटा स्टेयरिंग पर ड्यूटी कराई जा सकती है। फिर नौ घंटे आराम देने का नियम है, लेकिन चालकों से तय समय से अधिक ड्यूटी कराई जा रही है।

दीपक जैन (महाप्रबंधक रोडवेज) ने कहा कि नियमों के विपरीत बस संचालन किसी चालक से नहीं कराया जा रहा। आदेश दिए गए हैं कि एक चालक अगर आठ घंटे तक बस संचालन करता है तो उसे नौ घंटे तक आराम दिया जाए। अगर कोई चालक तय आठ घंटे से अधिक बस संचालन करता है तो उसे चार घंटे अतिरिक्त बस संचालन पर एक दिन का आराम दिया जाता है। मानक के अनुसार लंबी दूरी वाले मार्गों पर एक बस में दो चालक भेजे जा रहे हैं।
प्रदेश महामंत्री उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन अशोक चौधरी  का कहना है कि चालकों को बिना आराम दिए पूरा दिन बस संचालन कराया जा रहा है। विशेष श्रेणी व संविदा के चालक एक माह में 10-10 हजार किमी तक बस संचालन कर रहे हैं। इससे हादसे का खतरा बना रहता है। यह स्थिति तभी सुधर सकती है, जब चालकों को मिलने वाला मानदेय दोगुना किया जाए या उन्हें नियमित किया जाए।


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