ऋषिगंगा घाटी में बनी झील का अध्ययन करने दल रवाना

देहरादून। ऋषिगंगा घाटी में बनी झील का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों और एसडीआरएफ कर्मियों का दल रवाना हो गया है। दल वहां रुक कर झील से पैदा होने वाले खतरों का आंकलन करने के साथ ही इसके समाधान के उपाय भी बताएगा। एसडीआरएफ की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि दल में कुल 14 लोग शामिल हैं। इसके साथ ही साजो सामान ले जाने हेतु 10 पोर्टर भी भेजे गए हैं। दल को शुक्रवार को रैणी गांव से रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि 17 फरवरी को भी डीआरडीओ के तीन वैज्ञानिकों का एक दल, एसडीआरएफ के साथ झील क्षेत्र में गया था, जो अभी वहीं रुक कर, झील के आंकड़े जुटा रहा है। इससे पहले ग्लेशियर टूटने से पैदा तबाही के बाद जन सामान्य में पैदा भ्रम को दूर करने के लिए भी एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर के नेतृत्व में एक टीम झील क्षेत्र में पहुंची थी, जिसने वहां झील का मुहाना खोलकर, इसका प्रेशर कम किया। टीम ने वहां जाने के लिए दुर्गम रास्ते पर सहायक उपकरण भी फिट किए थे।