राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में जुटेंगे 200 वैज्ञानिक



हरिद्वार। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर में 17 मार्च से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय पशु चिकित्सा एवं आयुर्वेद संगोष्ठी में देश विदेश के 200 से भी अधिक वैज्ञानिक जुटेंगे। इस संगोष्ठी का आयोजन आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति मथुरा के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। गुरुवार को आयुर्वेद विवि के ऋषिकुल परिसर में पत्रकार वार्ता करते हुए विवि के कुलपति प्रो. सुनील जोशी बताया कि विश्वविद्यालय का यह प्रथम प्रयास है कि पशु चिकित्सा में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की क्या भूमिका हो सकती है। इसका साइंटिफिक विवेचन करने के लिए देश-विदेश से 200 से अधिक साइंटिस्ट, वेटरनरी शिक्षा के क्षेत्र के जाने-माने बरेली के संस्थान वेटरनरी डॉक्टर, पशु पालन के लिए एक्सपर्ट, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से जुड़े 20 से अधिक आयुर्वेदिक कॉलेजों के छात्र, रिसर्च स्कॉलर्स प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने बताया कि परंपरागत रूप से जो औषधियां मानव के लिए उपयोगी हैं, वही पशुओं में भी प्रयोग की जा सकती हैं। बस उसमें मात्रा का अंतर होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से भविष्य में बहुत बड़ी संभावनाएं रहेंगी कि किस प्रकार आयुर्वेद के द्वारा पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी रोजगार सृजन एवं स्वास्थ्य संवर्धन के लिए पशु चिकित्सा में भी आयुर्वेद का योगदान परिभाषित किया जा सकता है। इस अवसर पर डॉ. हेमेंद्र यादव, डॉ. राजीव कुरेले आदि मौजूद थे।