प्रशासन ने माना वन पंचायत की जमीन पर दिया था खनन का पट्टा

नैनीताल। बेतालघाट क्षेत्र के घिरोली, पाली व घोड़िया हल्सौ में वन पंचायत की भूमि में खनन पट्टे देने की बात आखिकरकार प्रशासन ने स्वीकार कर ली है। बुधवार को तहसीलदार ने आंदोलन कर रहे ग्रामीणों की ओर से प्रस्तुत वन पंचायत का नक्शा देखा। इस पर तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि भविष्य में पंचायत की भूमि पर खनन के पट्टे नहीं दिए जाएंगे। इसके बाद ग्रामीणों ने सात दिनों से चल रहा अपना आंदोलन खत्म कर दिया। मल्ली पाली के प्रधान शेखर दानी ने नदी में रिवर ड्रेनिंग के नाम पर तालाब बनाने का विरोध किया। कहा, तालाब बनाने से नए बने पुल पर संकट आ सकता है।
बेतालघाट घिरोली, पाली व घोड़िया हल्सौ के ग्रामीण बीते एक हफ्ते से आंदोलन कर रहे थे। ग्रामीण वन पंचायत की भूमि पर खनन पट्टे देने का विरोध कर रहे थे। खनन पट्टों के कारण स्थानीय लोगों को कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ रही थी। साथ ही स्थानीय पुल पर भी इससे गलत असर पड़ने का दावा किया था। बुधवार को धरना स्थल पर पहुंचे तहसीलदार नंदन सिंह व कोतवाल मनोज नयाल पहुंचे। ग्रामीणों ने प्रशासन को वन पंचायत का नक्शा दिखाया। इसके बाद तहसीलदार ने पंचायत की भूमि पर किसी तरह की खनन न होने के साथ ही यहां खनन पट्टे रद करने का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया। इस दौरान तरुण कोहली, नवीन आर्य, हरीश चन्द्र, ख्याली राम, बाली राम, नवीन आर्य, हेमन्त, रवीन्द्र आदि ग्रामीण मौजूद रहे।