प्रदेश में 455 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की विज्ञप्ति रद्द
नैनीताल। हाईकोर्ट ने राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा दिसंबर 2021 में डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 455 पदों के लिए जारी विज्ञापन को दिव्यांग जन अधिकार नियम 2017 के खिलाफ मानते हुए उसे रद कर दिया है। साथ ही आयोग को नए सिरे से विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। मामले के अनुसार दिव्यांग मनीष चौहान, रितेश आदि ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से चार दिसंबर 2021 को जारी विज्ञप्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि आयोग द्वारा राज्य के डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 455 रिक्त पदों के लिए जारी विज्ञप्ति में दिव्यांगजनों को मिलने वाले क्षैतिज आरक्षण को इस तरह से निर्धारित किया है कि उनके लिए सीट आरक्षित नहीं रह पाई है। यह दिव्यांग जन अधिकार नियम 2017 के नियम 11(4) और सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार में दिए गए निर्णयों के खिलाफ है। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि 24 दिसंबर 2021 निर्धारित थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति को रद घोषित कर नए सिरे से जारी करने के निर्देश दिए हैं।