पिंजरे में कैद हुआ गुलदार

पौड़ी। गढ़वाल वन प्रभाग की पौड़ी नागदेव रेंज के तहत आने वाले पाबौ ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्रों में दो महिलाओं को निवाला बनाने वाला नरभक्षी गुलदार पिंजरे में कैद हो गया है। जिसके बाद क्षेत्र में तैनात शिकारी दल भी लौट गए हैं। लेकिन वन विभाग की टीम क्षेत्र में ही मौजूद रहेगी। विभाग ने पिंजरे में कैद आमदखोर गुलदार को चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर हरिद्वार भेज दिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग की टीम क्षेत्र में ही रहकर लगातार गश्त जारी रखेगी। पाबौ ब्लाक के सरणा गांव में शुक्रवार की सुबह आदमखोर गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। विभाग ने गुलदार को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया है। पाबौ ब्लाक के ग्राम पंचायत सपलोड़ी में विगत 15 मई की देर शाम पास के जंगल में सहेली के साथ काफल लेने गई सुषमा देवी को गुलदार ने हमला कर मार डाला था। इसी दौरान 24 मई को सपलोड़ी गांव में लगे पिंजरे में एक गुलदार कैद हो गया था, जिसे क्षेत्र के आक्रोशित ग्रामीणों ने जिंदा जला दिया था। इसी दिन ‌दूसरी घटना में क्षेत्र के ही कुलमोरी गांव में गुलदार ने एक महिला पर हमला किया था। इन हमलों से ग्रामीण पहले ही दहशत में थे कि क्षेत्र के भट्टी गांव में 2 जून की देरशाम साढ़े सात बजे ऊपर के घर से नीचे के घर दिया-बाती करने जा रही बुजुर्ग महिला समुद्रा देवी को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया। क्षेत्र में गुलदार के हमलो की बढ़ती घटनाओं से आक्रोशित ग्रामीणों ने तीन जून को वन, पुलिस, राजस्व पुलिस टीम को बुजुर्ग महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दिया था। भट्टी गांव में सरणा, कुलमोरी, सपलोड़ी, ग्वाड़ीगाड़ आदि गांवों के आक्रोशित ग्रामीणों ने डीएफओ गढ़वाल का घेराव भी किया था। चार जून को उत्तराखंड वन्यजीव प्रतिपालक ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर क्षेत्र में शिकारी जॉय हुकिल के साथ शिकारी दल तैनात करने के साथ दो पिंजरे और ट्रैप कैमरे लगाए थे। 7 जून को मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक ने घटनास्थल का निरीक्षण कर ग्रामीणों के साथ बैठक की थी। साथ ही विभाग ने गांव में एक और शिकारी दल तैनात कर दिया था। दूसरे दल में मशहूर शिकारी नवाब साद बिन आसिफ शामिल रहे। वन क्षेत्राधिकारी नागदेव रेंज पौड़ी अनिल भट्ट ने बताया कि पाबौ क्षेत्र में दहशत का पर्याय बन चुका गुलदार शुक्रवार तड़के सरणा गांव में पिंजरे में कैद हो गया। जिसे रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर हरिद्वार भेज दिया गया है। मादा गुलदार 6 से 7 वर्ष की है। वह पूर्णरूप से स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में तैनात शिकारी दल लौट गया है। जबकि विभाग की टीम मौके पर ही तैनात है।