पेयजल के राजकीयकरण में देरी पर कर्मचारी नाराज

देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड पेयजल निगम, जल संस्थान संयुक्त मोर्चा ने पेयजल के राजकीयकरण में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। शासन पर सालों से चल रही प्रक्रिया को ठप करने का आरोप लगाया। जल्द पेयजल को राजकीय विभाग न बनाए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी। 17 अगस्त को होने वाली मोर्चा की बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार होगी।मोर्चा की रविवार को हुई ऑनलाइन बैठक में संयोजक रमेश बिंजौला ने कहा कि 10 साल से पेयजल को राजकीय विभाग बनाए जाने को शासन स्तर पर फाइल फाइल खेला जा रहा है। समितियों पर समितियों का गठन किया जाता है। हर समिति की रिपोर्ट को शासन स्तर पर डंप कर दिया जाता है। इंदु कुमार समिति से लेकर अभी तक ये सिलिसला जारी है। इससे कर्मचारी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। संयोजक विजय खाली ने कहा कि इस बार शासन ने खुद कर्मचारियों को ट्रेजरी से वेतन, पेंशन भुगतान का विकल्प दिया और अब खुद ही पूरे मामले को शासन स्तर पर दबा दिया गया है। जबकि शासन स्तर पर सभी रिपोर्ट उपलब्ध करा दी गई है। इसके बाद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है।
श्याम सिंह नेगी ने कहा कि शासन के इस नकारात्मक रवैये के खिलाफ 17 अगस्त को आंदोलन की रणनीति तय होगी। शासन से लेकर मैनेजमेंट को आंदोलन का नोटिस दिया जाएगा। बैठक में समन्वय समिति अध्यक्ष जितेंद्र देव, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष रामकुमार, महासचिव अजय बेलवाल, अरविंद सजवाण, गौरव बर्त्वाल, शिशुपाल रावत, प्रमोद कोठियाल, प्रमोद नौटियाल, मोहित जैन, मनमोहन नेगी, लक्ष्मी नारायण भट्ट आदि उपस्थित रहे।

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