पौड़ी में कैमरों और ड्रोन से रखी जा रही बाघ पर नजर

पौड़ी। बाघ प्रभावित नैनीडांडा और रिखणीखाल ब्लाक के गांवों में कैमरों के साथ ही ड्रोन के जरिए भी आदमखोर बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। नैनीडांडा के भैडगांव में घटना के बाद से अभी तक बाघ की कोई गतिविधि नहीं दिखाई दी है जबकि रिखणीखाल के डल्ला में बाघ लगातार घूम रहा है और वन महकमे के ट्रैपिंग कैमरे में कैद भी हुआ है। वन संरक्षक गढ़वाल सर्किल पंकज कुमार ने बताया कि दोनों स्थलों पर कैमरों के साथ ही ड्रोन का भी इस्तेमाल बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है। ड्रोन काफी सुरक्षित भी है। नैनीडांडा के भैडगांव(सिमली) में बाघ की कोई गतिविधि अभी तक नहीं दिखाई दी। जबकि रिखणीखाल के डल्ला में दो बाघ दिखाई दे रहे है। वन महकमे की टीम पशुचिकत्सकों के साथ ट्रैक्यूलाइज करने की कोशिश कर रही है। सीएफ के मुताबिक पहला प्रयास यह है कि सक्रिय बाघ ट्रैक्यूलाइज हो जाए। बताया कि पहली और दूसरी घटना एक ही बाघ ने की इसके कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिल पाए है, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैपिंग कैमरों की संख्या में भी इजाफा किया गया है। बाघ का सबसे पहले हमला डल्ला गांव में हुआ था और इसके ठीक चार दिन बाद ही बाघ ने भैडगांव में रिटायर शिक्षक की जान ले ली थी। बाघ के हमलों को देखते हुए दोनों घटना स्थलों की दूरी भी बहुत अधिक नहीं है। हालांकि चुनौति अभी भी है कि यह पूरी तरह से साफ नहीं हो सका है कि हमला एक ही बाघ ने किया है, या फिर अलग-अलग ने। दो हमलों के बाद प्रशासन ने यहां के दो दर्जन गांवों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया है। ग्रामीणों को चारा पत्ती लेने के लिए भी बाहर नहीं जाने के हिदायत दी गई है। सीएफ ने बताया कि बाघ प्रभावित क्षेत्र में गढ़वाल वन प्रभाग और कालागढ़ टाइगर रिजर्व के साथ लैंसडौंन प्रभाग की टीमें भी लगाई दी गई है। स्थानीय ग्रामीणों को सजग रहने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। गढ़वाल वन प्रभाग की डीएफओ स्वनिल अनिरुद्ध के मुताबिक डल्ला, जुई, पापडी में स्ट्रीट लाइट लगा दी गई है और ग्रामीणों से अकेले घर से बाहर न निकलने की अपील की जा रही है। बताया कि नैनीडांडा भैडगांव के पास बाघ की कोई गतिविधि अभी तक नहीं देखी गई है। दो टीमें गांव के गदेरे में भी सर्च ऑपरेशन चला रही है। जबकि ड्रोन के जरिए दूसरी टीम बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रही है। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की अनुमति मिलते ही यहां पिंजरा भी लगा दिया गया है।

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