पशमीना रजाई घोटाला मामले में दुग्ध संघ के पूर्व जीएम का नाम पुष्ट

हल्द्वानी। एक साल पहले नैनीताल-लालकुआं दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ में बिना टेंडर के लाखों रुपये की पशमीना रजाई खरीद घोटाले में दुग्ध संघ के तत्कालीन जीएम निर्भय नारायण सिंह पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। घोटाले के आरोप की जांच कर रहे दुग्ध संघ अल्मोड़ा के सहायक निदेशक लीलाधर सागर ने अपनी जांच रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी है। रिपोर्ट में तत्कालीन जीएम को घोटाले का जिम्मेदार माना गया है। डेरी निदेशक संजय कुमार खेतवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजे जाने की बात कही है। नैनीताल-लालकुआं दुग्ध संघ के तत्कालीन जीएम निर्भय नारायण सिंह के खिलाफ जनवरी 2024 में शिकायत होने के बाद जांच शुरू की गई थी। सिंह पर साल 2023 में दुग्ध संघ में टेंडर वितरण, सूचना प्रकाशन, पशमीना रजाई खरीद और कमेटी के दक्षिण भारत भ्रमण के दौरान दुग्ध संघ की कमाई के लाखों रुपये अनावश्यक तौर पर खर्च कर लाखों रुपये का घोटाला करने का आरोप था। इस मामले की जांच शासन स्तर से कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को सौंपी गई थी। कमिश्नर की जांच में आरोप सही साबित हुए थे। इसके बाद शासन से जांच अल्मोड़ा दुग्ध संघ के सहायक निदेशक लीलाधर सागर को विभागीय जांच सौंपी गई। जांच अधिकारी सागर ने अपनी रिपोर्ट तो भेजी लेकिन घोटाले के जिम्मेदार लोगों के नाम रिपोर्ट में खोले ही नहीं। शासन स्तर से सख्ती हुई तो दोबारा जांच रिपोर्ट तलब की गई। डेरी निदेशक खेतवाल ने बताया कि मामले के जांच अधिकारी ने मंगलवार को जांच रिपोर्ट दे दी है। जांच रिपोर्ट में आरोपों को सही ठहराते हुए दुग्ध संघ के तत्कालीन जीएम निर्भय नारायण को जिम्मेदार माना गया है। डेरी निदेशक ने बताया कि जांच अधिकारी की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में तत्कालीन जीएम के अलावा प्रोक्योरमेंट डिपार्टमेंट के भी कुछ लोगों के नाम शामिल हैं। निदेशक ने बताया कि विभागीय कार्रवाई की संस्तुति शासन स्तर से होगी।