पर्यटन विकास परिषद के ढांचे में जल्द हो सकता है बदलाव

देहरादून। उत्तराखंड में पर्यटन की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने वाले पर्यटन विकास परिषद के ढांचे में जल्द बदलाव हो सकता है। इसके लिए विभाग के इंजीनियरिंग सेल को और अधिक मजबूत करने की कवायद चल रही है। इसके अलावा पूरे ढांचे में एकरूपता बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसके लिए निदेशकों के पदों पर भी थोड़ा बदलाव किया जा सकता है।
प्रदेश में इस समय पर्यटन विकास की कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। इन योजनाओं को धरातल पर उतारने का जिम्मा पर्यटन विकास परिषद को सौंपा गया है। राज्य गठन के बाद प्रदेश में पर्यटन की आपार संभावनाओं को देखते हुए वर्ष 2001 में पर्यटन विकास परिषद का गठन किया गया। इसके लिए परिषद के मुख्यालय स्तर पर पदों का सृजन भी किया गया। परिषद के गठन के बाद पर्यटन मुख्यालय के अधिकारियों को इसमें जगह दी गई। परिषद के मौजूदा ढांचे में सबसे उपर सीइओ यानी मुख्य अधिशासी अधिकारी हैं।
इस पद पर आइएएस स्तर के अधिकारी तैनात होते हैं। इसके अलावा परिषद में एसीइओ के अलावा तीन निदेशक के पद भी हैं। यह पद वित्त, नियोजन और तकनीकी सेवाओं के हैं। इनमें इन्हीं सेवा के अधिकारियों की तैनाती की जाती है। इसके अलावा दो पद अपर निदेशक, और दो पद संयुक्त निदेशक के हैं। इसके अलावा इसमें उप निदेशक के पद भी स्वीकृत हैं। इनके नीचे जिलों में जिला पर्यटन अधिकारियों के पद हैं। अभी विभाग में यह स्पष्ट नहीं है कि कौन किसे रिपोर्ट करेगा। इसे देखते हुए लंबे समय से ढांचे पर बदलाव की तैयारी चल रही है।
जब तक ढांचा दुरुस्त नहीं होता जब तक शासन ने परिषद के इंजीनियरिंग सेल को मजबूत करने पर जोर दिया है। दरअसल, विभाग कई निर्माण कार्य भी करा रहा है। तकनीकी सेवा के अधिकारी होने के बावजूद परिषद कंसलटेंसी के लिए बाहर से सेवाएं ले रही है। इसके अलावा निर्माण कार्यों को लेकर भी शिकायतें मिल रही है, जिसे देखते हुए इसे भी मजबूत करने की कवायद चल रही है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना है कि व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।


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