परिवहन कर अधिकारी ने इलाज के दौरान दम तोड़ा

काशीपुर। लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारने वाले परिवहन कर अधिकारी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह अपने पीछे पत्नी, दो बच्चे और माता-पिता को छोड़ गए हैं। उनकी मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा है। इधर, बच्चों के कनाडा से पहुंचने के बाद गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मंगलवार सुबह रामनगर रोड निवासी पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष व राज्य आंदोलनकारी रहे रुद्रपुर में तैनात परिवहन कर अधिकारी जसवीर सिंह ने लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली थी। गोली उनके सिर में फंस गई थी। उन्हें एलडी भट्ट अस्पताल ले जाया गया। जहां से डॉक्टरों ने उन्हें रेफर कर दिया था। निजी अस्पताल में भी रक्तस्राव बंद न होने पर उन्हें दिल्ली के लिये रेफर किया गया। अत्यधिक रक्तस्राव के चलते 10 किमी जाने के बाद उन्हें वापस काशीपुर के एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। बुधवार सुबह 8:45 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद उनका शव परिजनों को सौंप दिया। इस दौरान वहां लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मौत की सूचना पर हर किसी की आंखें नम थी। वहीं, शाम को कनाडा से पहुंचे उनके पुत्र यश सिंह ने मुखाग्नि दी। उधर, खुद को गोली मारने के क्या कारण रहा यह दूसरे दिन भी स्पष्ट नहीं हो पाया।

हर किसी की मदद को रहते थे तैयार:   परिवहन कर अधिकारी जसवीर सिंह छात्र जीवन से ही मिलनसार और मदद को तैयार रहते थे। छात्र जीवन में वह राज्य आंदोलन में भी सक्रिय रहे। आंदोलकारी कोटे से ही उन्हें परिवहन विभाग में नौकरी भी मिली। राजनीति में भी उनकी काफी दिलचस्पी थी। छात्र संघ उपाध्यक्ष रहने के साथ नौकरी में आने के बाद भी वह विभागीय यूनियन में भी पदाधिकारी रहे।

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