पंजाब, हरियाणा और यूपी को पराली जलाने से रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

नई दिल्ली (आरएनएस)। कोरोना महामारी के मद्देनजर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने की घटना को रोकने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि अधिकारी इन राज्यों को पराली जलाने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
याचिका में कहा गया है कि चूंकि वायु की गुणवत्ता सार्वजनिक रूप से अच्छी है, इसलिए समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय समन्वय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जिसका अर्थ है कि तीनों राज्यों की सरकार को एक साथ आने और किसानों को फसल अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी। मोटे तौर पर दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को न केवल दिल्ली बल्कि आसपास के एनसीटी दिल्ली के नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए तेजी से काम करना होगा जो कि आपातकाल की श्रेणी में आते हैं। वकील सुधीर मिश्रा और रितिका नंदा द्वारा दायर इस याचिका में यह भी कहा गया है कि पंजाब के कुछ हिस्सों में पराली जलाए जाने की घटना पहले ही शुरू हो चुकी है, जो पिछले एक सप्ताह में छह फीसदी की भारी वृद्धि का संकेत है। वहीं, वायु प्रदूषण से संबंधित 2015 के एक मामले में आवेदन या याचिका को स्थानांतरित कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि स्टब बर्निंग के कारण होने वाले प्रदूषण का उच्च स्तर भी मानव की श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। कोरोना महामारी के कारण वैसे ही 92 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। आगजनी की घटना से वायु प्रदूषण के बढऩे का सीधा संकेत है। यह मानव शरीर के श्वसन अंगों और प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है।हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से फसल के अवशेष को न जाले की अपील की है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदूषण फैसलने के साथ साथ कोरोना की स्थिति और गंभीर हो सकती है। इससे पहले केजरीवाल ने पराली जलने से होने वाले प्रदूषण को लेकर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल पराली जलाने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को भी लिखा है जिससे आने वाले समय में दिल्ली की हवा को प्रदूषित करने वाले इस पराली को जलाने से रोका जा सके।
परीक्षाओं को अब आगे के लिए स्थगित करना असंभव
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सिविल सेवा की परीक्षाओं को अब आगे के लिए स्थगित करना असंभव है। सुप्रीम कोर्ट यूपीएससी उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो आगामी सिविल सेवा (प्रीलिम्स) परीक्षा 2020 को स्थगित करने की मांग कर रहे थे। कोर्ट ने यूपीएससी को कल तक हलफनामा दायर करने को कहा है।