
पौड़ी(आरएनएस)। पाबौ ब्लॉक के मरोड़ा गांव को ‘सिट्रस वैली’ के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने गांव में ग्रामीणों से संवाद कर इस योजना को अमलीजामा पहनाने की शुरुआत की। डीएम ने कहा कि मरोड़ा को माल्टा, नींबू, नारंगी जैसे सिट्रस फलों का केंद्र बनाकर न केवल स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भरता लाई जाएगी, बल्कि ब्रांडिंग और मार्केटिंग के माध्यम से गांव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी। डीएम ने बताया कि इस कार्य में भरसार हार्टिकल्चर यूनिवर्सिटी का सहयोग लिया जाएगा ताकि वैज्ञानिक तरीके से खेती कर मरोड़ा को मॉडल गांव बनाया जा सके। इस अवसर पर हरेला पर्व के तहत सैकड़ों सिट्रस पौधे रोपे और वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि अधिक उत्पादन होने पर गांव में प्रोसेसिंग व पैकेजिंग यूनिट स्थापित की जाएगी, जिससे युवाओं को रोजगार और किसानों को उचित मूल्य मिल सकेगा। ग्रामोत्थान परियोजना के तहत किसानों को 60 फीसदी तक सब्सिडी का लाभ मिल सकता है, जिससे सहकारी मॉडल में खेती की जा सकेगी। इस मौके पर सीडीओ गिरीश गुणवंत ने कहा कि मरोड़ा के पास सिट्रस बेल्ट बनने की अपार संभावनाएं हैं। प्रगतिशील किसान पवन बिष्ट, बीरोंखाल से ग्राम प्रधान कर्नल यशपाल नेगी, और पोखड़ा के सुधीर सुंदरियाल ने खेती में नवाचार, समन्वय और चैनलिंक फेंसिंग, सिंगल विंडो सिस्टम, और गुठलीदार पौधों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम में एसडीएम दीपक रामचंद्र सेट, डीएचओ राजेश तिवारी, समुन्नति फाउंडेशन के निदेशक श्रीधर ईश्वरन, कंसल्टेंट विंग कमांडर अनुपमा जोशी, बीडीओ धूम सिंह, धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी, सहित कई किसान और स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। जैविक उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण किया डीएम भदौरिया ने गांव में लगे जैविक उत्पादों के स्टॉल का निरीक्षण करते हुए उनकी गुणवत्ता की सराहना की और कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को मौके पर कैंप लगाने और खाता-खतौनी संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए रोस्टर आधारित कार्यक्रम शुरू करने के निर्देश दिए।