एनएसयूआई ने वैक्सीनेशन में छात्रों को प्राथमिकता देने की करी मांग

देश भर में उठा रही एनएसयूआई माँग

अल्मोड़ा। एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव गोपाल भट्ट ने छात्रों के टीकाकरण में प्राथमिकता देने की माँग रखी। यह प्रेस वार्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन व उत्तराखंड प्रभारी सतवीर चौधरी के नेतृत्व में चलाई जा रही एनएसयूआई की मुहिम के क्रम में की गयी, जिसमें छात्रों की परीक्षाओं से पहले टीकाकरण की माँग रखी जा रही है। इससे पहले भी छात्र संगठन द्वारा टीकाकरण की बात उठाई जा चुकी है और टीकाकरण के बिना हो रही परीक्षाओं की कड़ी निंदा की जा रही है।

एनएसयूआई राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार, देश की सभी इकाइयों ने अपने-अपने राज्य में इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की बात कही। कहा गया कि, छात्रों के टीकाकरण के लिए सरकार को जल्द से जल्द कोई योजना बनानी चाहिए जिससे परीक्षार्थियों की जान जोखिम में ना रहे। ऐसी किसी योजना के ना होने से, न सिर्फ़ छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है बल्कि उनकी जान को भी ख़तरा है।
केंद्र पर हमला बोलते हुए एनएसयूआई ने केंद्र सरकार और उसकी नीतियों को कारण बताते हुए देश में टीकों की कमी होने का भी दोषी बताया। राज्य स्तर पर आवश्यक बचाव के कदम लेने के लिए छात्रों को टीकाकरण में प्राथमिकता एक अहम कदम बताया गया।
एनएसयूआई महासचिव गोपाल भट्ट ने कहाँ हाल ही में मोदी के देशभर में लगे ‘थैंक-यू पोस्टर्ज़’ को निशाना बनाते हुए एनएसयूआई ने इसे ‘बेहद निंदनीय और शर्मसार’ हरकत बतायी और कहा है कि आज जब देश टीकों की कमी से जूझ रहा है तब मोदी सरकार जनता का पैसा अपने निजी प्रचार में खर्च रही है।

एनएसयूआई ने दावा किया कि, लाखों छात्र हर साल अलग-अलग परीक्षाएँ देते हैं, यदि समय रहते छात्रों के टीकाकरण में प्राथमिकता को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए तो यह या तो उनके भविष्य के लिए घातक सिद्ध होगा या उनकी जान के लिए। गोपाल भट्ट ने कहा, “देशभर में प्रधानमंत्री की लापरवाही की वजह से पहले ही कई लोगों ने अपनी जान गंवा चुके हैं और अब यदि टीकाकरण से पहले ऐसे परीक्षाओं का आयोजन हुआ तो यह कोविड की अगली लहर को आमंत्रण सिद्ध हो सकता है। चाहे जो हो हम छात्रों की जान और जीवन के साथ ऐसे खिलवाड़ नहीं होने देंगे।”


Exit mobile version