सरल और मृदुभाषी अधिकारी खो दिया

रुडकी। रुडक़ी में तहसीलदार के पद पर तैनात सुनैना राणा की शनिवार को नैनीताल से लौटते हुए नजीबाबाद के पास हुए हादसे में मौत हो गई। जबकि इस दौरान उनके ड्राइवर और अर्दली की भी मौत हो गयी। इस घटना के बाद से शहर में शोक ही लहर है। दिवंगत सुनैना राणा के विषय में सभी का कहना है कि उन्होंने एक मृदुभाषी अधिकारी खोया दिया है। रुडक़ी तहसीलदार के पद पर वैसे तो सुनैना राणा का कार्यकाल ज्यादा नहीं रहा। जून में सुनैना राणा ने रुडक़ी तहसीलदार का पद ग्रहण किया था। लेकिन मात्र चार माह के छोटे से समय में ही वह अपने स्टॉफ और अन्य लोगों की चहेती अधिकारी बन गई थी। सुनैना राणा समय की पांबद अधिकारी थी। अपने साथ के कर्मचारियों का ख्याल रखने में भी वह सबसे आगे रहती थी। कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी सुनैना राणा लोगों की मदद करने में सबसे आगे दिखी। तहसीलदार के साथ तैनात पुलिस कर्मी प्रवीण ने बताया कि वह अपने काम को पूरा करने के लिए रविवार के दिन भी काम करती थी। तहसीलदार कार्यालय में तैनात पीआरडी के जवान संजीव ने बताया कि अच्छी नहीं बहुत अच्छी अधिकारी थी। वह हमसे खाना खा लिया कि नहीं तक भी पूछा करती थी। रुडक़ी एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण तोमर ने बताया कि अधिवक्ताओं के साथ भी तहसीलदार का व्यवहार बहुत अच्छा था। एडवोकेट संजीव कुमार का कहना है कि सुनैना राणा एक मृदुभाषी अधिकारी थी। वह सभी की समस्या को सुनती और हल करती थी।

रुड़की तहसीलदार की गाड़ी नहर में गिरने से मौत, साथ में अर्दली और ड्राइवर की भी मौत



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