शिव ज्ञान, धाम और नाम के दाता हैं : मोरारी बापू

रुद्रप्रयाग। शिव समान कोई दाता नहीं है, शिव संसार का मूल तत्व है। इसलिए भगवान शिव के बिना सबकुछ अधूरा है। श्रीराम कथा के केंद्र में मानस रुद्र संहिता को रखते हुए इस दिव्य कथा का श्रवण भक्तों को करवाया जा रहा है। मुख्यालय स्थित गुलाबराय मैदान में आयोजित श्रीराम कथा के दूसरे दिन विश्व विख्यात कथा प्रवक्ता मोरारी बापू ने कहा कि शिव के समान कोई दाता नहीं है। शिव ज्ञान के दाता है। शिव मोक्ष दाता है, शिव धाम दाता भी है और शिव नाम दाता भी है। शिव प्रधान और परम प्रधान है। बापू ने कहा कि हमारे जीवन में विवेक कैसे आए, वैराग्य की वृद्धि कैसे हो इसके लिए प्रभु प्रेम ही एक मात्र रास्ता है। सत्य, प्रेम, करुणा के साथ भगवान के करीब जाने का अवसर मिलता है। कहा कि शिव मूल तत्व है। भगवान शिव की नगरी रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम है। यह स्थान दिव्य है। श्रीराम कथा के केंद्र में मानस रुद्र संहिता को रखते भक्तों को इस दिव्य कथा का रसपानक कराया जा रहा है। बापू ने कहा कि मैं गंगाजल इसलिए पीता हूं कि इससे शिव जुड़े हैं। उन्होंने रामकथा के दूसरे दिन भगवान राम, शिव के संबंधों पर भी प्रवचन दिया। कहा कि शिव के अराध्य राम और राम के अराध्य शिव हैं। मौके पर मुख्य यजमान रुपल काणक्य, राजनीश काणक्य, आशीष काणक्य, नियति काणक्य, विवेक सगित, रामकुमार ज्ञा, प्रदीप बगवाड़ी, माधो सिंह नेगी, प्रवीन सेमवाल, राजेंद्र नौटियाल, प्रशांत डोभाल, दीपक भंडारी, अशोक चौधरी, रोशन ज्ञा, अनुसूया प्रसाद जोशी सहित बड़ी संख्या में जिले के भक्त मौजूद थे।

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