142 करोड़ लोग खड़े होंगे तब देश विश्व गुरु बनेगा: भागवत

हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश के 142 करोड़ लोगों को खड़ा होना पड़ेगा और दुख के निवारण तक जाना होगा। तुम कैसे दुखी हो उसकी साधना करो। साथ ही दूसरों के दुख दूर करो। जब 142 करोड़ लोग मिल कर देश को जोड़ने के लिए खड़े होंगे, तब देश विश्व गुरु कहलाएगा। दुनिया भी भारत के संपर्क में आकर सुखी बनेगी। संघ प्रमुख ने ये बातें सोमवार को देव संस्कृति विवि में जी-20 की थीम पर आयोजित व्याख्यानमाला ‘वसुधैव कुटुंबकुम में कहीं। भागवत ने कहा कि विश्व के उत्थान के लिए करुणा का भूमंडलीकरण होना चाहिए। प्रेम और करुणा के आधार पर हमें अपने समाज को तैयार करना पड़ेगा। हमारे जीवन को देख कर लोग बदलें, ऐसे भारत के निर्माण के लिए प्रेम और करुणा जरूरी है। भारत के उत्थान के साथ विश्व का उत्थान भी होगा। भारत विश्व के उत्थान के लिए उठ रहा है। भागवत ने यह भी कहा कि अनेक धर्म भ्रम है। सिर्फ एक ही धर्म है। सबको संतुलन देने वाला, सबको साधने वाला, सबकी उन्नति करने वाला, सबको जोड़ कर सबकी पहचान न मिटाने वाला जो तत्व है, वह धर्म है। जो नियमों के आधार पर चलता है। जो टूटता और बिखरता नहीं है। लोगों को ऊपर उठाता है। ऐसा धर्म दुनिया को देने वाला भारत हमको मिल कर खड़ा करना है। वसुधैव कुटुंबकम के वाक्य के अनेक अर्थ को हम समझें और समाज की सेवा करें।