मन्यूड़ा और गलई क्षेत्र में पेयजल संकट

बागेश्वर। कोरोना काल में घर से बाहर नहीं निकलना है, लेकिन पानी के लिए स्त्रोतों और नदियों का रुख तो करना ही पड़ेगा। ऐसा ही मन्यूड़ा और गलई क्षेत्र के ग्रामीण कर रहे हैं। हर घर नल से जल योजना उनके गांव में बनने के बावजूद पानी की बूंद उन्हें नसीब नहीं हो रही है। अलबत्ता केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना को कहीं न कहीं पलीता विभाग ही लगाने में तुला है। पानी की किल्लत को दूर करने और प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ जल पिलाने का केंद्र सरकार का संकल्प ग्रामीण क्षेत्रों में टूट रहा है। मन्यूड़ा गांव के लिए पूर्व में बनी स्वजल योजना से हर घर नल से जल योजना भी जोड़ दी गई। लेकिन योजना की मरम्मत और स्त्रोत पर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना विभाग भूल गया। प्रत्येक घरों तक पाइप लाइन पहुंचा दी और कनेक्शन भी प्रदान कर दिए गए। लेकिन पानी की बूंद के लिए अब लोग तरस रहे हैं। क्योंकि नलों में जो पानी आ रहा है, उसे दबंग किस्म के लोग टूल्लू से जोडक़र खीच लेते हैं। आमजन उनका विरोध भी नहीं कर पा रहा है। स्थानीय कुणाल जोशी, मोहन चंद्र, गीता देवी आदि ने कहा कि मांगलिक कार्यक्रमों में पानी मिल जाता है, अन्य दिन नलों से बूंद तक नहीं टपकती है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए और वितरण प्रणाली में सुधार किया जाना चाहिए। उधर, गलई के लिए भी स्वजल योजना बनी है और उसी पर केंद्र की नई योजना भी जुड़ गई है। यहां 45 परिवारों के साथ पेयजल संकट पैदा हो गया है। ग्राम प्रधान नीमा देवी ने कहा कि जल संस्थान को कई बार सूचना दी गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पेयजल मंत्री विशन सिंह चुफाल को भी ज्ञापन सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि यदि आपूॢत सुचारू नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

केंद्र की हर घर नल से जल योजना के प्राथमिक चरण का काम लगभग पूरा हो गया है। दूसरे चरण में प्राकृतिक स्त्रोतों का रखरखाव, टंकी निर्माण आदि होगा। शुद्ध पेयजल की आपूॢत करने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। -इं. सीएस देवड़ी, प्रभारी अधिशासी अभियंता, बागेश्वर।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!