महिला ने दराती से भालू पर वार कर जंगल में खदेड़ा
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लॉक स्थित नाल्ड गांव में एक महिला दुर्गा बन भालू से भिड़ गई। महिला ने दराति उठाकर भालू पर पर वार कर दिए, जिसके बाद भालू वहां से जंगल की और भाग गया। इस घटना में भालू ने महिला को भी जख्मी कर दिया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। दरअसल, उत्तरकाशी जिले के नाल्ड गांव निवासी जलमा देवी (45) पत्नी रामगोविंद शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे खेतों में काम करने गई थी। खेतों में छुपे भालू ने अचानक महिला पर हमला किया। महिला ने पहले तो किसी तरह खुद को संभाला और फिर भालू से दो-दो हाथ कर लिए। महिला ने दराती से भालू पर वार किए और उसे मौके से खदेड़ दिया। इस दौरान महिला भी घायल हो गई। घायल अवस्था में वो किसी तरह खेत से घर पहुंची। डिप्टी रेंजर पपेंद्र रौतेला और वनकर्मियों ने महिला को उत्तरकाशी अस्पताल पहुंचाया गया। जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉक्टर एसडी सकलानी ने बताया कि भालू के हमले में घायल हुई महिला का उपचार किया जा रहा है। उसकी हालत खतरे से बाहर है।
बढ़ता ही जा रहा आतंक:
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में गुलदार और भालू का आतंक बना हुआ है। आए दिन यहां मामले सामने आते रहते हैं। टिहरी जिले की बात करें तो यहां टिहरी जिले में मानव-वन्यजीव घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक यहां गुलदार के हमले में 34 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पिछले साल टिहरी में गुलदार के हमले का एक भी मामला नहीं था, लेकिन इस वर्ष 2020 में अभी तक चार लोग जान गंवा चुके हैं और आठ लोग घायल हुए हैं। जवाबी कार्यवाही में वन विभाग के शिकारी दल ने इस वर्ष दो गुलदारों को ढेर किया है, जबकि एक गुलदार को पिंजरे में पकड़ा है।
वन्यजीव विशषज्ञों का कहना है कि गुलदार इंसानी बस्तियों के पास रहने वाला जानवर है। जंगलों में इसके खाने की कमी और बीमार होने के कारण ही गुलदार इंसानों पर हमले कर रहा है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। प्रभागीय वनाधिकारी टिहरी कोको रोसे ने बताया कि गुलदार के हमले इस साल बढ़े हैं इसे रोकने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। ग्रामीणों को भी जागरुक होना होगा।