
अल्मोड़ा। क्वारब भू-स्खलन क्षेत्र को लेकर सियासत गरमा गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा और अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी आमने-सामने आ गए हैं। राज्यमंत्री अजय टम्टा ने कहा कि केंद्र सरकार ने क्वारब भू-स्खलन क्षेत्र को दुरुस्त करने के लिए 51 करोड़ और 17 करोड़ की योजनाएं स्वीकृत कीं। कार्य भी शुरू हुआ, लेकिन विधायक मनोज तिवारी और कांग्रेस नेताओं के विरोध के कारण वैकल्पिक मार्ग का काम ठप पड़ गया। टम्टा ने कहा कि भूवैज्ञानिकों की चेतावनियों के बावजूद जनता को राहत देने वाली सड़क निर्माण योजना को राजनीतिक कारणों से रोका गया, जिससे चार माह का विलंब हुआ और जनता परेशान हुई। वहीं विधायक मनोज तिवारी ने राज्यमंत्री के आरोपों को नकारते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्यमंत्री अपने गृह क्षेत्र की जीवनरेखा कही जाने वाली क्वारब सड़क का सुधारीकरण नहीं करा पाए। तिवारी ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण के लिए आम जनता की आवाज को राज्यमंत्री अराजक करार दे रहे हैं, जबकि जनता ही इस दुर्दशा की सबसे बड़ी पीड़ित है। उन्होंने यह भी कहा कि डोबा-चौंसली मोटर मार्ग का लगभग दस करोड़ का काम बिना टेंडर अपने चहेतों को देकर राज्यमंत्री ने भ्रष्टाचार का खुला उदाहरण पेश किया। तिवारी ने कहा कि जनता, मरीज, व्यापारी, पर्यटक और टैक्सी संचालक सभी सड़क की बदहाली से जूझ रहे हैं लेकिन राज्यमंत्री समस्या हल करने के बजाय दूसरों पर दोष मढ़ रहे हैं। उन्होंने इसे खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की राजनीति करार दिया।






