खूनी साजिश थी पंजाब में पीएम की सुरक्षा में चूक: जयराम

 शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को भाजपा शुरू से ही साजिश मान रही थी। यह अचानक नहीं, सुनियोजित तरीके से हुई खूनी साजिश थी। यह कुदरती नहीं हुई, यह एक षड्यंत्र था। यह प्रायोजित कार्यक्रम था। एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन से सारी सच्चाई सामने आ चुकी है। एसएचओ और डीएसपी सीआईडी को जिन-जिन लोगों ने सुना है, उन्हें सारी घटना की साजिश का अंदाजा लग सकता है। दोनों का कहना है कि उन्हें इसकी पहले से ही जानकारी थी। इस सूचना को उन्होंने पहले ही साझा कर लिया था। उच्च अधिकारियों ने इस पर गौर नहीं किया और इसमें साजिश थी।
सीएम जयराम ठाकुर ने बुधवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि वह पीएम की सुरक्षा में चूक की घटना की कड़ी निंदा करते हैं। एक तरफ काफिला फंसा हुआ था, दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस के लोग चाय पी रहे थे। दो जनवरी को डीएसपी ने सूचित किया था कि प्रदर्शनकारी प्रदर्शन के लिए उतरेंगे। खालिस्तानी गुट भी रैली के खिलाफ सक्रिय था। सिख फॉर जस्टिस के पन्नू ने भी पीएम को जूता दिखाने वालों को इनाम की घोषणा की थी। जहां पीएम का काफिला फ्लाई ओवर पर रुका था, वह पाकिस्तान की सीमा से केवल 10 किमी दूर था। ड्रोन से हमले की आशंका से भी यहां इंकार नहीं कर सकते। डीजीपी और अन्य अधिकारियों में से कोई भी पीएम की अगवानी या काफिले के साथ नहीं थे।

जांच का दौर पूरा होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। विचित्र परिस्थिति यह थी कि पंजाब सरकार को मिनट टू मिनट कार्यक्रम बताया गया था। वे सड़क मार्ग से आए। बहुत बड़ी चूक पीएम की सुरक्षा में देश-दुनिया ने देखी। कुछ ऐसे लोग हैं, जो कहने के लिए किसान का नाम इस्तेमाल करते हैं। उन प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोककर पीएम के कारकेट को आगे बढ़ने नहीं दिया। सीएम को वहां आना चाहिए था, वे कोविड के मरीज के संपर्क में आने पर आइसोलेट होने की बात करते रहे। उन्होंने जवाब देना भी सही नहीं समझा। बाद में बेशक वह मास्क हटाकर एक चैनल को सफाई देते रहे। अब एक स्टिंग ऑपरेशन में बात सामने आई है। मोदी विश्व के लोकप्रिय और मजबूत नेता हैं। कांग्रेस की सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है।