धार्मिक टिप्पणी और कानपुर हिंसा के मद्देनजर ऊधम सिंह नगर जिले में रहा अलर्ट

रुद्रपुर। धार्मिक टिप्पणी किए जाने के बाद जिले भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। सोशल मीडिया में टिप्पणी के खिलाफ बाजार बंद के हो रहे ऐलान के बाद एसएसपी के आदेश पर जिले की पुलिस सुबह से ही मुस्तैद दिखी। वहीं पुलिस कार्यालय में तैनात पुलिस कर्मी भी अलर्ट दिखे। खेड़ा बस्ती में बड़ी संख्या में युवाओं ने बिना अनुमति के जुलूस निकालना चाहा, लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद जुलूस रद्द कर दिया गया। इसको लेकर युवाओं और पुलिस में मामूली नोकझोंक भी हुई। वहीं विशेष समुदाय वाले इलाकों की दुकानें भी विरोध में बंद रखी गईं।
जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया में तरह तरह के भ्रमक प्रचार और धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश हो रही थी। वहीं एक समुदाय के लोगों ने बाजारबंदी का भी ऐलान कर दिया था। शुक्रवार को जुम्मे की नमाज होने के कारण सुबह से कोतवाली, थाना-चौकी की पुलिस मुस्तैद दिखी। यहीं नहीं एसएसपी कार्यालय में तैनात पुलिस कार्मिक बॉडी प्रोटेक्टर, शस्त्र पुलिस के अलावा महिला आरक्षी भी पुलिसिया लाठियों के साथ कार्यालय में तैनात रहीं। वहीं हर थाना-चौकी में एक सरकारी वाहन और दंगा नियंत्रण वाहन ब्रज भी खड़ा कर दिया। दोपहर तीन बजे के करीब अचानक बड़ी संख्या में विशेष समुदाय के युवाओं ने जुलूस निकालकर दुकानें बंद करवाना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि जुलूस को बिना किसी राजपत्रित अधिकारी की अनुमति के निकालने का प्रयास किया। सूचना मिलते पुलिस प्रशासन ने चंद मिनटों में वायरलैस के माध्यम से पुलिस फोर्स को अलर्ट कर दिया। सीओ सदर अभय सिंह और कोतवाली इलाका का फोर्स खेड़ा बस्ती पहुंच गया और जुलूस को रोक दिया। जहां पुलिस और लोगों में मामूली कहासुनी के बाद जुलूस रदद कर दिया गया। उधर, एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि कानपुर हिंसा और धार्मिट टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया में माहौल खराब करने की कोशिश हो रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को जिले में अलर्ट जारी कर कानून व्यवस्था कायम रखने को पुलिस फोर्स सक्रिय था। इसके लिए पीएचक्यू से भी आदेश जारी हुआ था। खेड़ा बस्ती में सांकेतिक विरोध-प्रदर्शन किया गया था। जुलूस निकालने का कोई प्रयास नहीं हुआ। फिलहाल मामला शांत है।

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