जौलीग्रांट हवाई अड्डे को मिला लेवल-2 का दर्जा

ऋषिकेश। देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे ने एयरपोर्ट कार्बन एक्रिडिटेशन (एसीए) कार्यक्रम के तहत लेवल-2 दर्जा हासिल किया है। एयरपोर्ट को यह कामयाबी जीवाश्म ईंधन की खपत को कम कर प्राकृतिक ऊर्जा को बढ़ावा देने पर मिली है। एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) की पहल पर इस दर्जे से एयरपोर्ट को नवाजा गया है। एयरपोर्ट के निदेशक प्रभाकर मिश्रा के मुताबिक जलवायु परिवर्तन की चुनौती के बीच वैश्विक हवाई अड्डा उद्योग की प्रतिक्रिया के रूप में कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन को आंकने और कम करने पर एसीआई ने पहल की। एयरपोर्ट कार्बन एक्रिडिटेशन कार्यक्रम के तहत हवाई अड्डे को दूसरा मान्यता स्तर मिला है। उन्होंने आगे उच्चतर मान्यता स्तर हासिल करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। निदेशक ने बताया कि एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल का एयरपोर्ट कार्बन एक्रिडिटेशन हवाई अड्डों के लिए एक वैश्विक कार्बन प्रबंधन कार्यक्रम है, जोकि कार्बन फुटप्रिंट को मापने, कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन को प्रबंधित करने और कम करने के लिए हवाई अड्डों के प्रयासों को स्वतंत्र रूप से आंकलन कर मान्यता प्रदान करता है। कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जित करने वाली गतिविधियों जैसे कि जीवाश्म ईंधनों के उपयोग को कम करके, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, हाइड्रो पावर आदि का इस्तेमाल अधिक कर इन मान्यता स्तरों को अर्जित किया जाता है।


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