जिलाधिकारी अध्यक्षता में जिला उद्योग मित्र की बैठक आयोजित
अल्मोड़ा। जिलाधिकारी विनीत तोमर की अध्यक्षता में नवीन कलेक्ट्रेट में जिला उद्योग मित्र की बैठक आयोजित की गई। जनपद में पंजीकृत उद्यम इकाइयों एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति तथा विशेष एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत आने वाले उद्यमियों के ब्याज उपादान के दावों, विद्युत उपादान दावों, पूंजी निवेश सहायता दावों एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि उद्यमियों द्वारा आवेदन करते समय सही जानकारी विभाग को उपलब्ध कराये। उन्होंने कहा कि आवेदनकर्ता के आवेदन पत्र में किसी प्रकार की कोई त्रुटि हो तो सम्बन्धित को पत्राचार कर उसका निस्तारण किया जाय।
जिलाधिकारी ने महाप्रबन्धक उद्योग को निर्देश दिए कि उपादान दावे हेतु जो समिति गठित की गई है बैठक से पूर्व सभी मामलों पर समिति द्वारा सहमति के उपरान्त ही दावों को बैठक में प्रस्तुत किया जाय। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि मिनी औद्योगिक आस्थान हेतु विभाग द्वारा जिन उद्यमियों को भूमि आवंटित की गई, अगर उन उद्यामियों द्वारा आवंटित भूमि में उद्योग स्थापित नहीं किया गया है तो उन्हें नोटिस जारी किया जाय। नोटिस समय अवधि पूर्ण होने के उपरान्त आवंटित भूमि निरस्त की कार्यवाही अमल में लाई जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन उद्यमियों द्वारा उद्योग हेतु आवेदन पत्र विभाग में दिये है वे उद्यमी समय से प्रोजेक्ट रिपोर्ट समय से प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस कारण के आवेदनों को निरस्त न किया जाए। उन्होंने संबंधित उद्यमियों को भी कहा कि ब्याज उपादान एवं विद्युत उपादान के दावों को ससमय प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने बैठक में निर्देश दिए कि विभाग एवं बैंक आपस में तालमेल बनाकर कार्य करें उन्होंने कहा कि जिन बैंको द्वारा ब्याज उपादान की रिपोर्ट समय से विभाग को नहीं भेजी रही है उन बैंकों के आगामी बैठक में अवश्य रूप से बुलाया जाय। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि जिन इकाईयों के ब्याज उपादान हेतु निदेशालय से बजट की मांग की जानी है इसके लिये समय-समय पर पत्राचार किया जाय।
महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र मीरा बोरा ने बताया कि पूर्व में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुपालन में एमएसएमई नीति 2015 (यथा संशोधित 2020) के अंतर्गत 7 इकाइयों के ब्याज उपादान दावे स्वीकृत किए गए थे जिसके सापेक्ष निदेशालय से बजट की मांग कर ली गई है। उन्होंने कहा कि विशेष एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2008 (यथा संशोधित 2011) के अंतर्गत 01 इकाई को ब्याज उपादान स्वीकृत किया गया था जिसका बजट उपलब्ध हो जाने पर सम्बन्धित इकाई को भुगतान कर दिया गया है। बैठक में मुख्य कोषाधिकारी जगत जोशी समेत अन्य अधिकारी एवं उद्यमी उपस्थित रहे।