जल संस्थान ठेका कर्मचारी करेंगे सचिवालय कूच

देहरादून(आरएनएस)।   उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ ने समान काम का समान वेतन देने की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। जल भवन मुख्यालय में कर्मचारियों का क्रमिक अनशन जारी है। 12 सितंबर को कर्मचारी सचिवालय कूच कर अपनी ताकत दिखाएंगे। संघ ने जल संस्थान और ठेकेदारों की मिलीभगत से हो रहे गबन और कर्मचारियों के शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की। श्रमिक संघ के क्रमिक अनशन में गुरुवार को अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि ठेका कर्मचारियों को श्रम मानकों के अनुरूप तय वेतन नहीं दिया जा रहा है। जल संस्थान मैनेजमेंट और ठेकेदार के बीच आपसी करार और टेंडर प्रक्रिया में जो रेट तय होते हैं, उसका पूरा भुगतान ठेकेदार के स्तर से नहीं किया जाता है। विभाग की ओर से भी कभी ठेकेदार से पलट कर भुगतान को लेकर कोई पूछताछ नहीं की जाती। एक एक योजना पर ठेकेदार के स्तर से कर्मचारियों की संख्या अधिक दिखाई जाती है, लेकिन मौके पर चंद कर्मचारियों से ही काम लिया जाता है। बीच में आधे कर्मचारियों का वेतन गोल कर दिया जाता है। महामंत्री मंगलेश घिल्डियाल ने कहा कि किसी कर्मचारी को चार हजार, तो किसी को पांच से छह हजार का ही भुगतान किया जाता है। जबकि श्रम मानकों के अनुसार न सिर्फ 15 हजार रुपए वेतन, बल्कि श्रम विभाग की ओर से हर छह महीने में बढ़ाए जाने वाले महंगाई भत्ते का भी लाभ दिया जाना चाहिए। ऊर्जा निगम के स्वयं सहायता समूह के ठेका कर्मचारियों को 18 हजार रुपए महीना वेतन और नियमित महंगाई भत्ते का भी लाभ मिल रहा है। अवकाश समेत अन्य सुविधाएं अलग मिल रही हैं। जल संस्थान में वेतन भुगतान में गड़बड़ी के साथ ईएसआई, पीएफ कटौती में भी गड़बड़ी की जाती है। इसके खिलाफ कर्मचारी 12 सितंबर को सचिवालय कूच कर विरोध जताएंगे। विरोध जताने वालों में चंद्र मोहन खत्री, आशीष द्विवेदी, बलवीर पयाल, गोविंद आर्य, गिरीश चंद्र, रुपेश नेगी, गणेश गोस्वामी, विजय कुमार, पूरन चौबे, प्रवीन बोरा, नवीन पांडे, सुंदर सिंह, सुरेश पनेरू मौजूद रहे।