इसरो ने लॉन्च किया साउंडिंग रॉकेट आरएच-560

हवाओं के बदलाव से जुड़े अध्ययन में करेगा मदद

चेन्नई, 13 मार्च (आरएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बीती देर रात को श्रीहरिकोटा परीक्षण केंद्र से अपने साउंडिंग रॉकेट को लॉन्च किया। यह रॉकेट हवाओं में व्यवहारिक बदलाव और प्लाज्मा गतिशीलता पर अध्यन की दिशा में नए आयाम स्थापित करेगा। इसरो ने अपने आधिकारिक अकाउंट ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी। इसरो के साउंडिंग रॉकेट की मदद से इसरो वायुमंडल में मौजूद तटस्थ हवाओं में ऊंचाई पर होने वाले बदलावों और प्लाज्मा की गतिशीलता का अध्यन किया जाएगा। इसरो ने साउंडिंग रॉकेट के लॉन्च की तस्वीरों को शेयर करते हुए ट्वीट किया कि श्रीहरिकोटा रेंज में आज तटस्थ हवाओं (न्यूट्रल विंड) और प्लाज्मा डायनामिक्स में एटिट्यूडिनल वेरिएशन का अध्ययन करने के लिए साउंडिंग रॉकेट लांच किया गया।
इसरो के मुताबिक ऊपरी वायुमंडलीय क्षेत्रों की जांच के लिए और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किए जाने एक या दो चरण वाले ठोस रॉकेट हैं। इसरो ने कहा कि वे लॉन्च किए गए वाहनों और उपग्रहों में उपयोग के लिए नए घटकों या उप-प्रणालियों के प्रोटोटाइप का परीक्षण करने या साबित करने के लिए आसानी से किफायती प्लेटफॉर्म के रूप में भी काम करते हैं। इसरो ने 1965 से स्वदेशी रूप से निर्मित रॉकेट लांच करना शुरू कर दिया था। इसके बाद ठोस प्रणोदक प्रौद्योगिकी में अनुभव के साथ बहुत अधिक माहिर हो गया है।
वह कामकाज बढ़ाने के उदेश्य से आगामी पांच वर्षों में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके अलावा उसको 300 अतिरिक्त लोगों की जरूरत होगी, जिनकी भर्ती जल्द की जाएगी।


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