इमरान की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा टला, राष्ट्रपति ने भंग की संसद, नाराज विपक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आज का दिन प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है। आज प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को बिना मतदान के ही खारिज कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने बिना वोटिंग के ही इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने प्रस्ताव खारिज करने के पीछे पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला दिया। इतना ही नहीं मामला बढ़ता देख प्रधानमंत्री इमरान खान ने तुरंत पाकिस्तान के राष्ट्रपति को ससंद भंग करने की अपील की। ऐसे में प्रधानमंत्री की अपील पर महज कुछ समय बाद ही राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया। विपक्ष ने भी जवाबी कार्रवाई में इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दिया। ऐसे में अब अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए विशेष बेंच गठित कर दी गई है।

अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद इमरान खान ने अपने संबोधन में कहा था कि राष्ट्रपति असेंबली को भंग करें। राष्ट्रपति को सिफारिश भेजी है। फिर से जनता के बीच जाएंगे। पाकिस्तान में फिर से चुनाव हो। विरोधी ताकतों को जीतने नहीं देंगे। उन्होंने ये भी कहा था कि मैं अपनी सारी कौम को मुबारकबाद देना चाहता हूं, नेशनल असेंबली में हमारे स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया है। बाहर से प्लान किया गया अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, उसे स्पीकर ने जिस तरह रिजेक्ट किया। उसके लिए मैं सारी कौम को मुबारकबाद देता हूं।
अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के बाद मैंने राष्ट्रपति को संसद भंग करने और चुनाव कराने की मांग कर दी है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने इमरान की सिफारिश को मंजूरी भी दे दी है और पाकिस्तान की संसद भंग कर दी गई है। अब पाकिस्तान में 90 दिनों के भीतर चुनाव कराए जाएंगे।

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