गुर्जर समाज ने किया पृथ्वीराज फिल्म का विरोध
दावा किया कि गुर्जर समाज के वंशज थे सम्राट पृथ्वीराज चौहान
हरिद्वार। फिल्म पृथ्वीराज के रिलीज होने से पहले से गुर्जर समाज ने विरोध करते हुए सम्राट पृथ्वीराज चौहान के गुर्जर समाज का सम्राट होने का दावा करते हुए इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। गुर्जर समाज के युवा पृथ्वीराज कसाना ने प्रैसवार्ता करते हुए फिल्म को रिलीज होने से रोकने की मांग उठाई है, साथ ही चेतावनी दी है कि गुर्जर समाज के इतिहास से छेड़छाड़ बर्दास्त करने वालों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा।
सोमवार को रानीपुर मोड स्थित होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए गुर्जर समाज के युवा पृथ्वीराज कसाना ने कहा कि फिल्म में सम्राट पृथ्वीराज चौहान के इतिहास से छेड़छाड़ की गई है। पृथ्वीराज कसाना ने आशंका जताते हुए कहा कि यदि फिल्म चंद बरदाई की किताब पर आधारित है, तो उसमें ऐतिहासिक विकृतियां जरूर होंगी। क्योंकि इसमें सम्राट पृथ्वीराज के बारे में बहुत सारी अटकलें हैं। उदाहरण के लिए, पुस्तक कहती है कि पृथ्वीराज एक राजपूत राजा था जो पूरी तरह से गलत है। दरअसल, 13वीं शताब्दी से पहले राजपूत कभी अस्तित्व में थे ही नहीं। हम ऐतिहासिक दस्तावेजों के माध्यम से साबित कर सकते हैं कि गुर्जर अनादि काल से अस्तित्व में रहे हैं। यह केवल 13वीं शताब्दी के आसपास था जब गुर्जरों का एक गुट राजपूतों में परिवर्तित हो गया था। इस तरह से कुछ राजपूत वंश मूल रूप से गुर्जरों की ही शाखा थे। उन्होंने फिल्मकारों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि फिल्म में गुर्जर समाज के इतिहास के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ की गई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए समस्त गुर्जर समाज एक साथ है। हम इतिहास बचाने की लड़ाई लिए तैयार हैं।
इस मौके पर पवन गुर्जर घोहरा, अंकित टिकौला, गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज खारी, शुभम टिकौला, योगेश नागर वैदपुरा, शिवकुमार, वंश टिकौला, शिक्षित टिकौला आदि मौजूद रहे।