देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले सिमी पर बढ़ाया गया पांच साल का प्रतिबंध

गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश

नई दिल्ली (आरएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध को बढ़ा दिया है. गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट के जरिए इस बैन को बढ़ाए जाने के आदेश की जानकारी साझा की.
गृह मंत्रालय ने पोस्ट में लिखा कि आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण के तहत स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया को यूएपीए के तहत अगले पांच सालों के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है.
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए, आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाडऩे में शामिल पाया गया है.
बीते साल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर लगे प्रतिबंध को सही ठहराया था. केंद्र सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा था कि सिमी भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोई भी संगठन जिसका उद्देश्य भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना है, उसे अस्तित्व में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. केंद्र ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया कि सिमी के उद्देश्य देश के कानूनों के विपरीत हैं, क्योंकि संगठन का उद्देश्य इस्लाम के प्रचार में छात्रों और युवाओं को जुटाना और जिहाद के लिए समर्थन प्राप्त करना है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा गया कि कई सालों तक प्रतिबंधित रहने के बावजूद सिमी ने विभिन्न संगठनों के माध्यम से अवैध गतिविधियों में लिप्त रहना जारी रखा है, इसलिए उसके खिलाफ नया प्रतिबंध लगाया गया. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह सिमी पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करे.


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