गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या
दिल्ली की सडक़ों पर प्रदर्शन का 38वां दिन
नई दिल्ली (आरएनएस)। केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कई दौर की बातचीत विफल होने के बाद किसानों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। कानूनों के विरोध में दिल्ली की सडक़ों पर पिछले 38 दिन से चल रहे आंदोलन के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान ने आज फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। किसान ने धरना स्थल पर लगाए गए शौचालय में फांसी लगाकर जान दे दी है।
मृतक किसान का नाम कश्मीर सिंह बताया जा रहा है, जोकि बिलासपुर का रहने वाला है। सुसाइड करने से पहले मृतक कश्मीर सिंह ने सुसाइड नोट छोड़ा है। इस सुसाइड नोट में कश्मीर सिंह ने आंदोलन कर रहे किसानों से बड़ी अपील की है। उसने सुसाइड नोट में लिखा कि उसकी शहादत बेकार ना जाए। इसके अलावा मृतक कश्मीर सिंह ने अपनी अंतिम इच्छा भी लिखी है।
किसान कश्मीर सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरा अंतिम संस्कार मेरे पोते-बच्चे के हाथों यहीं दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर होना चाहिए। उनका परिवार बेटा-पोता यहीं आंदोलन में निरंतर सेवा कर रहे हैं। यूपी पुलिस ने अब सुसाइड नोट अपने कब्जे में ले लिया है। कश्मीर सिंह ने अपनी आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने लिखा है कि आखिर हम कब तक यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। इसका कारण आंदोलन के मद्देनजर इस सरकार को फेल होना बताया है और कहा है कि यह सरकार सुन नहीं रही है इसलिए अपनी जान देकर जा रहा हूं।
बता दें कि इससे पहले भी गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश के बागपत जिला स्थित भगवानपुर नांगल गांव के एक किसान की मौत हो गई। किसान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेज दिया गया है। बागपत जिला स्थित भगवानपुर नांगल गांव के गलतान सिंह गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरना-प्रदर्शन में शामिल थे। उनकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में उनकी मौत हो गई। दिवंगत गलतान सिंह करीब 57 साल के थे।