रियल एस्टेट कारोबारी को ग्रामीणों ने समझा मुर्गी चोर, खंभे में बांधकर उतारा मौत के घाट
कोलकाता (आरएनएस)। कोलकाता के परगना जिले के बरुईपुर इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों में एक कारोबारी को लोगों ने चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस के अनुसार, मरने वाला अविक मुखर्जी रियल एस्टेट कारोबारी बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने उसे बकरी और मुर्गी चोर समझ लिया था और खंभे पर बांधकर बुरी तरह पीटा। वहीं, मरने वाले की पहचान वालों ने बताया कि अविक को जानबूझकर मारा गया है क्योंकि उसने महंगे कपड़े पहने हुए थे और वह डेढ़ लाख की बाइक पर सवार था। पुलिस को मामला लिंचिंग से जुड़ा लग रहा है। मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 35 वर्षीय अविक मुखर्जी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना शुक्रवार तडक़े की बताई जा रही है। गांव में किसी शख्स की पिटाई की सूचना पर पुलिस ने बेगमपुर गांव पहुंचकर उसे बचाया। उस वक्त अविक को एक लैम्प पोस्ट से बांध दिया गया था और स्थानीय लोग उसकी पिटाई कर रहे थे। ग्रामीणों ने दावा किया है कि उसे चोर समझ लिया गया था। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में गांव में कई बकरियां और मुर्गी चोरी हो गए हैं और वे अपराधियों की तलाश में थे।
दक्षिण कोलकाता के नेताजी नगर इलाके में रहने वाले अविक मुखर्जी अपनी बचपन की दोस्त प्रियंका सरकार के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर बेगमपुर गांव पहुंचे थे। जांच में शामिल पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तडक़े करीब दो बजे हुई इस घटना में प्रिंयका को कोई खरोंच नहीं आई है। पुलिस मामले को संदेह की नजर से देख रही है।
पुलिस प्रियंका से पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या लिंचिंग किसी भी तरह से उसके (अविक) के व्यापार से तो नहीं जुड़ी हुई है क्योंकि हाल के वर्षों में बरुईपुर में रियल एस्टेट व्यापार में तेजी देखी गई है।
वहीं, अविक के एक दोस्त अर्पण गुहा ने संवाददातों को बताया कि अविक ने महंगे कपड़े पहने थे और उसकी मोटरसाइकिल की कीमत 1.5 लाख रुपये से ज्यादा है। कोई उसे चोर कैसे समझ सकता है? हमें संदेह है कि उसकी हत्या की गई है। मुखर्जी के परिवार ने पुलिस को यह भी बताया कि उन्हें साजिश का संदेह है। प्रिंयका सरकार की मां श्यामली ने बताया कि मेरी बेटी और अविक बचपन से दोस्त थे। उसे रात में बाहर जाने की आदत थी। हमने कई बार उसे रोकने की कोशिश की। मुझे नहीं पता कि वह अविक के साथ बरुईपुर क्यों गई?