फर्जी जमानतियों पर केस दर्ज करने के सीजेएम ने दिए आदेश

नई टिहरी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार बर्मन की अदालत ने फर्जी जमानतियों के खिलाफ 24 घंटे के भीतर मुकदमा दर्ज कर प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध करवाने के आदेश नई टिहरी कोतवाली को दिये हैं। मामले में वकील की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। एक फौजदारी वाद के दौरान फर्जी जमानतियों का मामला न्यायलय के सामने आया है। जमानती शफक्कत और लियाकत अली ने अपने नाम दर्ज खाता-खतौनी के आधार पर भिन्न-भिन्न जिलों के न्यायालयों के समक्ष लंबित भिन्न-भिन्न मामलों में भिन्न-भिन्न अभियुक्तों की जमानत लेने और अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा से अवैध रूप से छुड़ाने का प्रयास करने का गंभीर कृत्य किया है। न्यायालय ने इसे न्याय व्यवस्था के लिए घातक माना है। कहा कि जमानतीगण शफक्कत और लियाकत अली ने भिन्न-भिन्न जिलों के भिन्न-भिन्न न्यायालयों के समक्ष भिन्न-भिन्न मामलों में भिन्न-भिन्न अभियुक्तों की जमानतें ली हैं। लेकिन इस बाबत सीआरपीसी की धारा 441 ए के प्रावधानों के तहत जमानत लेने को प्रस्तुत किये गये जमानतनामों में पूर्व की जमानतों के बार में शपथ पत्र में नहीं बताया। जबकि रुड़की के स्थानीय थाने के माध्यम से कराई गई जांच में जमानतियों के द्वारा अन्य मामलों में जमानतें देने का मामला भी प्रकाश में आया। शपथ पत्र में जानकारी न देने को न्यायालय के साथ धोखाधड़ी के रूप में देखा गया है। जिसके चलते इन जमानतियों के खिलाफ सीजीएम न्यायालय ने नई टिहरी कोतवाली के थानाध्यक्ष को 24 घंटे के भीतर मुकदमा पंजीकृत कर एफआईआर की प्रति प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। न्यायालय के पेशकार पंकज ने बताया कि गुरुवार को रुड़की के रहने वाले शफक्कत अली व लियाकत अली के खिलाफ फर्जी रूप से जमानती बनने के मामले में मुकदमा पंजीकृत करने के निर्देश जारी किये गये हैं।


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