ईएसआई के दायरे से बाहर हुए उपनल कर्मियों को मिले गोल्डन कार्ड का लाभ

देहरादून(आरएनएस)।  ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल और स्वयं सहायता समूहों के सभी कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता हर महीने मिल रहा है। इससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों का कुल वेतन 21 हजार के पार चला गया है। इसके कारण इन कर्मचारियों पर ईएसआई की सुविधा से बाहर होने का खतरा मंडरा गया है। कई कर्मचारी बाहर भी हो गए हैं। इस पर उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन ने कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा और गोल्डन कार्ड का लाभ देने की मांग की।
संगठन अध्यक्ष विनोद कवि ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव ऊर्जा, सचिव सैनिक कल्याण को पत्र लिख कर उपनल कर्मचारियों की इस समस्या से अवगत कराया। कहा कि प्रोत्साहन भत्ते के हर महीने भुगतान होने से कर्मचारी ईएसआई के दायरे से बाहर हो गए हैं। इसका कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है। पहले प्रोत्साहन भत्ता तीन महीने में एकबार मिलता था। अब हर महीने मिल रहा है। इसके कारण वेतन ईएसआई की तय लिमिट से ऊपर चला गया है। ईएसआई की सुविधाओं का लाभ न सिर्फ कर्मचारी, बल्कि परिजनों को भी मिलता है। खासतौर पर स्वास्थ्य के मामले में। ऐसे में सरकार जल्द सभी उपनल कर्मचारियों को भी गोल्डन कार्ड का लाभ सुनिश्चित कराए। ताकि इलाज का संकट न खड़ा हो। क्योंकि उपनल कर्मचारी हमेशा बिजली की खतरनाक लाइनों और बिजली घरों पर काम करते हैं। आए दिन कर्मचारी दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। साल में कई कर्मचारियों की मौत तक हो जाती है। ऐसे में कर्मचारियों का 50 लाख रुपये का बीमा कराया जाए। मृत्यु होने, अपंग होने पर आश्रित को नियुक्ति दी जाए। दिव्यांग संविदा कर्मचारियों की केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार कुल वेतन की सीमा 25 हजार तक तय की जाए। हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार महिला संविदा कर्मियों को मातृत्व और चाइल्ड केयर लीव का लाभ दिया जाए। नियमित रूप से महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाए। शासन स्तर पर स्थगित किए गए महंगाई भत्ते को दोबारा बहाल किया जाए।

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