डीआरडीओ ने सेना को दिए अत्याधुनिक भारत ड्रोन

अब भारतीय सीमाओं पर होगी सटीक निगरानी

नई दिल्ली, 21 जुलाई (आरएनएस)। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने भारतीय सेना को स्वदेश में विकसित भारत ड्रोन उपलब्ध कराए हैं। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ये ड्रोन अधिक ऊंचाई वाले इलाकों और पर्वतीय क्षेत्रों में सटीक निगरानी सुनिश्चित करेंगे।
रक्षा सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चल रहे विवाद को देखते हुए भारतीय सेना को सटीक निगरानी के लिए ड्रोन की आवश्यकता थी। इस जरूरत को पूरा करने के लिए डीआरडीओ ने सेना को भारत ड्रोन उपलब्ध कराए हैं। ये ड्रोन डीआरडीओ की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला ने विकसित किए हैं। इस ड्रोन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से लैस किया गया है जिससे यह दोस्तों और दुश्मनों के बीच फर्क करके उसी हिसाब से काम कर सके। इसके अलावा इन्हें इस तरह से तैयार किया गया है कि ये बहुत ज्यादा ठंडे मौसम में भी काम कर सकने में सक्षम हैं।
नाइट विजन की सुविधा भी मौजूद
इसके साथ ही यह अत्याधुनिक नाइट विजन सुविधा से भी लैस है। यह घने जंगल में छिपे इंसानों का पता लगा सकता है। यह ड्रोन अभियान के दौरान रियल टाइम वीडियो ट्रांसमिशन उपलब्ध कराता है। ऐसे में सीमा पर भारत के लिए यह ड्रोन बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं। भारत सीरीज के ये ड्रोन दुनिया के सबसे हल्के और सक्रिय निगरानी ड्रोन में शामिल किए जा सकते हैं।
रडार की पहुंच से भी बाहर है ये ड्रोन
डीआरडीओ के सूत्रों ने कहा कि छोटा मगर शक्तिशाली ड्रोन किसी भी स्थान से अत्यधिक सटीकता के साथ काम कर सकता है। इसकी यूनिबॉडी डिजायन और एडवांस रिलीज टेक्नोलॉजी इसे निगरानी अभियानों के लिए अधिक उपयुक्त बनाती है। इसे इस तरह से बनाया गया है कि रडार भी इसे डिटेक्ट नहीं कर सकता है, यानी रडार भी इस ड्रोन का पता नहीं लगा सकता।


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