दिल्ली दंगे में मृतक के परिवार से ठगी का आरोपी गिरफ्तार

पौड़ी। दिल्ली दंगे में बीती फरवरी में मृतक दिलबर के भाई से नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख से अधिक की ठगी करने के आरोपी पूर्व प्रधान सरणा गैरसैंण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चमोली जिले के एक पूर्व प्रधान ने स्वयं को सचिवालय का अधिकारी बता कर मृतक दिलबर के भाई से नौकरी लगवाने के नाम पर चेक लिए थे। चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर 3 लाख से अधिक की धनराशि निकाल ली थी। बीते फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों में थलीसैंण ब्लाक के रोखड़ा गांव निवासी दिलबर सिंह की मौत हो गई थी। दंगाइयों ने दिलबर पर उस समय अचानक हमला कर दिया था जब वह गोदाम में सो रहा था। दिलबर के परिजनों को दिल्ली सरकार, प्रदेश सरकार के अलावा कुछ अन्य संगठनों ने भी आर्थिक सहायता दी थी। मृतक दिलबर के बड़े भाई देवेंद्र ने बताया कि बीते मार्च महीने में एक व्यक्ति ने उन्हें फोन कर बताया कि वह सचिवालय देहरादून से बोल रहे हैं। तुम्हे नौकरी देने के लिए मुझे उच्चाधिकारियों के निर्देश मिले हैं। देंवेद्र ने बताया कि उक्त व्यक्ति ने उन्हें पैठाणी में आने को कहा। साथ ही दो चेक व अपने शैक्षणिक दस्तावेज लाने को भी कहा। व्यक्ति ने अपना नाम बीरेंद्र सिंह बताया था। जिस पर देवेंद्र मार्च महीने में अपने बैंक एकाउंट के दो चेक व शैक्षिणक प्रमाण पत्र लेकर पैठाणी पहुंचा। यहां उसने उक्त व्यक्ति बीरेंद्र को अपने सभी शैक्षणिक दस्तावेज व दो चेक दिए। लेकिन जून माह में एक बार फिर बीरेंद्र ने फोन कर बताया कि नौकरी के लिए प्रार्थना पत्र पिता के नाम से लिखा जाना है, इसलिए तुम अपने पिता के बैंक एकाउंट के चेक लेकर पौड़ी पहुंचों। देंवेंद्र ने बताया कि फिर उसने पौड़ी आकर बीरेंद्र को अपने पिता के नाम के दो चेक व प्रार्थना पत्र दिया। दोनों चेक ब्लैंक थे। हालांकि एक चेक पर उसके पिता के हस्ताक्षर थे। देवेंद्र ने बताया कि जब वह 30 जून को किसी कार्य से श्रीनगर बैंक गए तो पता चला कि उसके पिता के बैंक एकाउंट से 3 लाख 25 हजार की राशि निकाली गई है। बैंक से जानकारी मिली कि उक्त राशि बीरेंद्र के एकाउंट में ट्रांसफर हुई है। देवेंद्र ने बताया कि कई दिनों तक बीरेंद्र उक्त राशि को वापस करने का झांसा देता रहा। बीते 30 जुलाई को देवेंद्र ने थाना पैठाणी में वीरेंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी व फर्जी लोकसेवक बनने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। थानाध्यक्ष पैठाणी प्रताप सिंह ने बताया कि विवेचना पूरी करने के बाद बीरेंद्र को उसकी दीदी के गांव खेत (गैरसैंण) से गिरफ्तार कर लिया गया है।.