दरोगा और सिपाहियों के खिलाफ कोतवाली का घेराव

रुड़की। झूठी शिकायत का आरोप लगाकर दरोगा और दो सिपाहियों के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। भारी संख्या में ग्रामीण कोतवाली पहुंचे और घेराव कर लिया। मामले में कोतवाली पुलिस को तहरीर दी गई है। निष्पक्ष जांच करने की ग्रामीणों ने मांग की है।
गंगनहर कोतवाली के उप निरीक्षक जयवीर सिंह रावत को गोकशी की चार दिन पूर्व सूचना मिली थी। कांस्टेबल पवन सिंह, अजयवीर, राजवीर, इसरार और विनोद के साथ माधोपुर के एक घर पर छापेमारी की थी। मौके पर मेहरबान, अजीम और शोएब निवासी माधोपुर को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि तीन लोग छत से कूदकर फरार हो गए थे। मौके से 250 किलो प्रतिबंधित मांस और कटान उपकरण के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। बुधवार को माधोपुर के ग्रामीण भारी तादाद में कोतवाली पहुंचे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हल्का दरोगा और दो सिपाहियों ने गांव के एक व्यक्ति की झूठी शिकायत पर जाति पुत्र सुग्गन को तीन जून को रास्ते में रोककर मारपीट की थी। गाली गलौज कर अपशब्द बोले थे। मौके पर ग्रामीणों ने किसी तरह बमुश्किल छुड़ाया था। आरोप है कि ग्रामीणों से भी अभद्रता कर हल्का दरोगा अपनी टीम के साथ जाति को अपने साथ लेकर कोतवाली पहुंच गए थे। कोतवाली में भी मारपीट कर डराया धमकाया गया था। किसी तरह ग्रामीणों ने कोतवाली पहुंचकर छुड़वाया था। मारपीट में गंभीर चोट लगी थी। जिसका उपचार सिविल अस्पताल में कराया था। आरोप है कि गांव के ही एक व्यक्ति के कहने पर गोकशी के मामले में झूठा केस दर्ज कराया गया है। मौके पर बाबूलाल, शिवकुमार, गोविंदा, विकास, अमन, मोसम, घसीटू राम, रामकुमार, अनिल, मुकेश, सोनू, सोमपाल, कलीराम, दीपक कुमार, दीपक कुमार, रोहित कुमार और विनय आदि मौजूद रहे। एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी।


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