कोविशील्ड के तीसरे बूस्टर डोज से मजबूत होगा कोरोना रक्षा कवच

नई दिल्ली (आरएनएस)। एक अध्ययन रिपोर्ट में पाया गया है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड का तीसरा बूस्टर डोज बीमारी से बेहद मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है और यह कोरोना के सभी स्ट्रेन से बचाने में शरीर को सक्षम बनाता है। भारत सहित दूसरे देशों में इस टीके के अभी दो डोज लगाए जाते हैं। दोनों डोज में अलग-अलग देशों में 28 दिन से 16 सप्ताह तक अंतर रखा जा रहा है।
फाइनेंशल टाइम्स की एक रिपोर्ट में बुधवार को कहा गया कि तीसरा बूस्टर डोज कोरोनावायरस स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी को बढ़ाता है। बूस्टर डोज ने जो एंटीबॉडी रिएक्शन पैदा किया वह कोरोना वायरस के किसी भी वेरिएंट को रोकने में पर्याप्त सक्षम है। 2019 के अंत में महामारी की शुरुआत के बाद से यह वायरस लगातार अपने स्वरूप में बदलवा कर रहा है और आगे भी इसमें म्यूटेशन की संभावना है। स्टडी ने उन चिंताओं को भी दरकिनार कर दिया है कि एडीनोवायरस आधारित वैक्सीन बूस्टर डोज के लिए आदर्श नहीं है। दुनियाभर में टीकाकरण की रफ्तार तेज होने के बीच वैक्सीन उत्पादकों ने दावा किया है कि हर साल बूस्टर डोज की जरूरत होगी, क्योंकि वायरस में बदलाव होता है और कभी इसका स्वरूप अधिक मारक हो सकता है। स्टडी को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से अंजाम दिया गया है। परिणाम को अभी प्रकाशित नहीं किया गया है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट दी है। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की ओर से स्टडी रिपोर्ट के नतीजों को कब प्रकाशित करेगा।


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