कोविड-19 टीकाकरण के कार्यो में लापरवाही

आदेश को ठेंगा दिखा 45 वर्ष से कम के लोगों को लगाई वैक्सीन
सीडीओ ने एसीएमओ डा. हरेंद्र मलिक को जमकर फटकार लगाई

रुद्रपुर। महामारी के इस दौरान में जितनी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है, उतनी ही अधिक एक के बाद एक लापरवाही सामने आ रही है। अब तक सैंपलिंग और व्यवस्था को लेकर स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठ रहे थे, अब नया मामला सामने आया है। जिसमें वैक्सीनेशन में शासन के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए 45 वर्ष से कम के लोगों को डोज लगा दी गई। इस मामले में सीडीओ ने एसीएमओ डा. हरेंद्र मलिक को जमकर फटकार लगाई।
मंगलवार को सोशल मीडिया पर कुछ युवाओं ने वैक्सीन लगाने की फोटो शेयर की। युवकों की पहचान होने पर पता चला कि उनकी उम्र 21 से 28 वर्ष की है। एक दिन पहले सोमवार को भी काशीपुर में एक युवक ने फोटो इंटरनेट मीडिया पर साझा किया था, जिसकी उम्र महज 28 साल है। शासन की ओर से जबकि आदेश में वर्तमान में 45 से ऊपर वालों को डोज लगनी है। मामले संज्ञान में आते ही विभाग में हडक़ंप मच गया। डीएम रंजना राजगुरू के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक ली। जिसमें उन्होंने कोविड-19 टीकाकरण के कार्यो में लापरवाही बरते जाने पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. हरेंद्र मलिक को जमकर फटाकर लगाई। बताया कि दिशा-निर्देशों के अनुसार वर्तमान में 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को कोविड-19 का टीकाकरण चल रहा है। जो वैक्सीन डोज उपलब्ध करायी जा रही है वह 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए है। कहा कि संज्ञान में आया है कि कतिमय टीकाकरण केंद्रों में 45 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को भी कोविड-19 का टीका लगाया जा रहा है, जोकि कोविड-19 से सम्बन्धित वर्तमान में प्रचलित उत्तराखंड शासन के निर्देशों का उल्लघंन है। उन्होंने एसीएमओ डा हरेंद्र मलिक को चेतावनी देते हुये कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के कार्य में अनुश्रवण व पर्यवेक्षक की कार्यवाही न करते हुए अपेक्षित रूचि नही ली जा रही है, जोकि आपके स्तर से गम्भीर लापरवाही का द्योतक है। कहा कि कि अपने स्तर से संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों से अनुश्रवणव पर्यवेक्षण की कार्रवाई कराते हुए दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन कराएं। भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय, अन्यथा निर्देशों की अवेह्ललना अथवा लापरवाही पाए जाने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।