
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने त्योहारों के दौरान शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री सुनिश्चित करने के लिए राज्यव्यापी विशेष अभियान की शुरुआत कर दी है। यह अभियान खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत सभी जिलों में एक साथ चलाया जा रहा है।
स्वास्थ्य सचिव एवं खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि दूध व दूध उत्पाद, खाद्य तेल, घी, मिठाई, मसाले, आटा, मैदा, बेसन और सूखे मेवे जैसे उत्पादों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। निर्माण इकाइयों, थोक व खुदरा विक्रेताओं और परिवहन चैनलों से नमूने लेकर सरकारी प्रयोगशालाओं में जांच कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को नियमित छापेमारी और संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं। मानव उपभोग के लिए असुरक्षित पाए जाने वाले उत्पादों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई होगी। मिलावटखोरी में पकड़े जाने पर एफआईआर दर्ज करने से लेकर लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. कुमार ने बताया कि राजकीय प्रयोगशालाओं से प्रत्येक सप्ताह जांच रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी। रिपोर्टों के आधार पर प्राथमिकता तय कर त्वरित कार्रवाई होगी। एफएसएसएआई मानकों का उल्लंघन करने वालों पर धारा-32 के तहत मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए विभाग ने टोल फ्री हेल्पलाइन और WhatsApp नंबर जारी किया है, जिस पर सीधे शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। सभी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के जरिए जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि खाद्य नमूनों की जांच दिल्ली स्थित भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की प्रयोगशालाओं और उत्तराखंड की मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से कराई जाएगी। इनकी रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह सार्वजनिक की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि त्योहारों में लोगों को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। मिलावटखोरी करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और जिला प्रशासन व संबंधित विभागों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि सभी जिलों में विशेष निगरानी और छापेमारी की कार्ययोजना लागू कर दी गई है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मिलावटखोरी के मामलों में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।