चेक पर कमीशन के खुलासे के बाद भी नहीं थम रही रार

रुद्रपुर(आरएनएस)। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के पांच हजार के चेक के बदले तीन हजार रुपये कमीशन मांगने के मामले में पुलिस के खुलासे के बाद भी इस मामले को लेकर राजनीतिक रार थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते दिवस विधायक शिव अरोड़ा और पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के बीच इस मामले को लेकर जमकर जुबानी जंग हुई। दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए। वहीं गुरुवार को भाजपाइयों ने फिर से इस मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया। भाजपाइयों ने इस पूरे प्रकरण को सरकार और सरकार की जनकल्याणकारी योजना को बदनाम करने की साजिश बताया और एसएसपी से मुलाकात कर इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की मांग की। गुरुवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी मंजूनाथ टीसी से की मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। भाजपाइयों का कहना था कि ऐसा नहीं लगता है कि इस मामले में सिर्फ दो लोग ही आरोपी हों। उनका कहना था कि इस मामले में गिरफ्तार सुरजीत शर्मा और ज़ावेद एक मोहरा हैं। आरोप लगाया कि इसके पीछे एक बहुत बड़ी साजिश है। साजिश की विस्तृत जांच हो तो कई बड़े नेता के नाम सामने आ सकते हैं। आरोप लगाया कि सुरजीत के पीछे बड़े नेता का हाथ है, जिसने सुरजीत शर्मा को आगे कर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को बदनाम करने की साजिश की है। इस मामले का मुख्य सूत्रधार सुरजीत शर्मा एक बड़े नेता का राइट हैंड है। उन्होंने कहा कि षड्यंत्र के तहत राज्य सरकार और सरकार की जनकल्याणकारी योजना मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष को बदनाम करने की कोशिश की गई है। जबकि इससे हजारों जरूरतमंद गरीब लोगों को आर्थिक सहायता के रूप में सरकार मदद करती है। उन्होंने कहा कि धामी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। इस मामले में पुलिस ने जो त्वरित कार्रवाई की है, उसकी वह सराहना करते हैं। उन्होंने एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी से इस मामले की विस्तृत जांच कर जांच में दोषी पाए जाने वाले अन्य लोगों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की मांग की। भाजपा प्रतिनिधिमंडल से प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, दर्जामंत्री उत्तम दत्ता, सुरेश कोली, उपेंद्र चौधरी, मंडल अध्यक्ष धीरेश गुप्ता, केके दास, वेद ठुकराल, किरन विर्क, सुनील यादव, योगेश वर्मा, गुन्नू चौधरी,अनमोल विर्क, राधेश शर्मा, राजेश जग्गा आदि शामिल रहे।

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