चारधाम यात्रा हेतु तीर्थयात्रियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

देहरादून। चारधाम यात्रा पर आने वाले देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के किसी को भी यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजे हैं। मंगलवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत में मुख्य सचिव डा.एसएस संधु ने चारधाम यात्रा की तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछली बार दो साल बाद चारधाम यात्रा शुरू हुई थी और बहुत बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे थे। इस बार अनुमान है कि पिछली बार से ज्यादा तीर्थयात्री पहुंचेंगे और व्यवस्थाएं भी अतिरिक्त करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस बार कई नई व्यवस्था की गई है। अभी बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए रजिस्ट्रेशन खोल दिया है, जो भी तीर्थयात्री आएंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करना होंगे। सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को इस बाबत पत्र भेज दिए हैं। उनसे अपने-अपने प्रदेशों में भी प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया है, ताकि यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
डा. संधु ने बताया कि पर्यटन विभाग भी हर प्रदेश में वहां की भाषा में अखबारों के जरिए विज्ञापन देगा ताकि वहां के लोगों भी पता चल सके, कि इस बार यात्रा के लिए क्या-क्या नियम बनाए गए हैं। इसका मकसद यह है भी है कि एक दिन में बहुत ज्यादा लोग न आएं, सभी दिनों में बंट कर आएं। ताकि ज्यादा भीड़ एकत्र न हो भगदड़ जैसी स्थिति पैदा न हो। रजिस्ट्रेशन के मुताबिक जितना नंबर है, उसी पर लोगों के आने से दर्शन भी अच्छे होंगे और सभी की सुरक्षा भी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए भी रजिस्ट्रेशन की तिथि कुछ दिनों बाद घोषित की जाएगी।

होटल कारोबारी नफे-नुकसान की नहीं सोचें
अनिवार्य रजिस्ट्रेशन करने पर चारधाम रूट के होटल कारोबारियों के विरोध के सवाल पर डा. संधु ने कहा कि जो भी बाहर से यात्रा पर आ रहे हैं सरकार के लिए उनकी सुरक्षा करना भी सबसे महत्वपूर्ण है। ताकि वे स्वस्थ रहे और कोई धक्का-मुक्की न हो। उन्होंने कहा कि जब भी कोई नया निर्णय होता है तो किसी को थोड़ा फायदा व किसी को नुकसान भी होता, लेकिन जब किसी की जान बचाने की बात आती है तो सारे फायदे नजरंदाज करने चाहिए। कारोबारियों को इस बारे में भी सोचना होगा।


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