बांड की शर्त तोड़ने पर 12 डॉक्टरों से होगी वसूली

श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से एमबीबीएस करने वाले 12 डॉक्टरों ने बांड की शर्त तोड़ने पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने प्रदेश के आठ जिलों के डीएम तथा भरतपुर राजस्थान के डीएम को पत्र भेजकर बांड तोड़ने वाले छात्रों से वसूली करने का अनुरोध किया है। साथ ही कॉलेज प्रशासन ने बताया कि बांड तोड़ने वाले डॉक्टरों का कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है। जिसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने संबंधी जिलों के प्रशासन से बांड तोड़ने वाले इन डॉक्टरों का पता कर वसूली में सहायता हेतु पत्र भेजा है। बांड की शर्त तोड़ने पर एक डॉक्टर से 33 लाख से अधिक वसूली करनी है।

बता दें कि सरकारी फीस पर एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों को एक साल की इंटर्नशिप करने के बाद प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देनी होती हैं, किंतु कई डॉक्टर ऐसे हैं, जो पढ़ाई करने के बाद बांड की शर्त के अनुसार सरकारी अस्पतालों से गायब हैं। ये डॉक्टर 2008 से 2012 बेच के हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने बताया कि जिन डॉक्टरों ने बांड के शर्त पर मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की और बांड की शर्त के अनुसार डॉक्टरी सेवा नहीं दी, जिसके 12 डॉक्टर ऐसे हैं, जिनका कोई पता नहीं नहीं चल रहा है। कई बार डॉक्टरों को शर्त तोड़ने पर धनराशि जमा करने के नोटिस भेजे गये, किंतु कोई जबाव न मिलने पर अब संबंधी जिलों के जिलाधिकारियो को पत्र भेजकर ऐसे छात्रों से वसूली करने का अनुरोध किया गया है। ताकि सरकारी राजस्व जमा हो सके।


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